Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Sep, 2019 04:51 PM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि पर्यटन के लिहाज से उप्र में सर्वाधिक संभावनाएं हैं। काशी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज, विंध्यधाम, कुशीनगर, सारनाथ और कपिलवस्तु हमारे पास ही हैं। उन्होंने कहा कि वैविध्यपूर्ण जलवायु, घने जंगल, गंगा-जमुना...
लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि पर्यटन के लिहाज से उप्र में सर्वाधिक संभावनाएं हैं। काशी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज, विंध्यधाम, कुशीनगर, सारनाथ और कपिलवस्तु हमारे पास ही हैं। उन्होंने कहा कि वैविध्यपूर्ण जलवायु, घने जंगल, गंगा-जमुना और सरयू जैसी सदानीरा नदियां इस क्षेत्र की संभावनाओं को और बढ़ा देती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थोड़े से प्रयास से इस क्षेत्र में बहुत कुछ संभव है, पर पूर्व की सरकारों ने इन संभावनाओं के जरिये पर्यटन के विकास का कोई प्रयास ही नहीं किया। यहां इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में न बदलाव का साहस था न सोच। वो सब हमने किया।
अर्धकुंभ को कुंभ, इलाहाबाद को प्रयागराज करने के साथ अयोध्या में दीपोत्सव और मथुरा में कृष्ण जन्मोत्सव की परंपरा शुरू की। ब्रज क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया। नतीजा सबके सामने है। आज अयोध्या पयर्टकों की ही नहीं निवेशकों की भी पसंदीदा जगह बन चुकी है। इनवेस्टर्स समिट और जीबीसी में आये निवेश के प्रस्ताव इसके सबूत हैं। सरकार का प्रयास तीर्थस्थलों के मूल स्वरूप को जिंदा रखते हुए जमाने के बदलाव के अनुसार वहां पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराना है।
ऐसा होने पर पर्यटक/तीर्थाटन करने वाले वहां आएंगे और रुकेंगे तो स्थानीय स्तर पर रोजगार के तमाम अवसर भी सृजित होंगे। सरकार यह काम पूरी शिद्दत से कर रही है। प्रयागराज का दिव्य और भव्य कुंभ इसका सबूत है। इस पूरे आयोजन में करीब 24 करोड़ लोग आये। जो भी आया वहां की व्यवस्था का मुरीद बन गया। हर तीर्थस्थल और वहां होने वाले प्रमुख आयोजनों पर उसी तरह की सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का मकसद है।