हापुड़ में बिजलीकर्मी–पुलिस भिड़ंत का वीडियो वायरल: कर्मचारी ने चौकी की बिजली काटी, ₹3.43 लाख का नोटिस चिपकाया, अफसरों की मीटिंग में खुला पूरा घटनाक्रम!

Edited By Anil Kapoor,Updated: 10 Dec, 2025 02:36 PM

a fierce clash broke out between electricity workers and police in hapur

Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में बुधवार को बिजली विभाग और पुलिस के बीच बड़ा विवाद देखने को मिला। मामला तब बढ़ गया जब बहादुरगढ़ पुलिस ने बिजली विभाग के एक संविदाकर्मी को हिरासत में ले लिया। इससे नाराज विद्युतकर्मियों ने बहादुरगढ़ पुलिस...

Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में बुधवार को बिजली विभाग और पुलिस के बीच बड़ा विवाद देखने को मिला। मामला तब बढ़ गया जब बहादुरगढ़ पुलिस ने बिजली विभाग के एक संविदाकर्मी को हिरासत में ले लिया। इससे नाराज विद्युतकर्मियों ने बहादुरगढ़ पुलिस चौकी की बिजली ही काट दी। इतना ही नहीं, चौकी को ₹3.43 लाख के बकाए बिल का नोटिस भी थमा दिया गया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के भदस्याना गांव में बिजली विभाग का संविदाकर्मी प्रदीप कुमार बकाये बिल की वसूली के लिए उपभोक्ता अमरपाल के घर गया था। वहां दोनों के बीच विवाद हो गया। जानकारी होने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को थाने ले आई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ BNNS की धारा 170 के तहत शांति भंग में कार्रवाई की। लेकिन पुलिस द्वारा बिजलीकर्मी को थाने में बंद करने से विद्युतकर्मी भड़क गए और उन्होंने पुलिस पर गलत कार्रवाई का आरोप लगाया।

पुलिस चौकी की बिजली काटी, चोरी का आरोप भी लगाया
इसके बाद नाराज बिजलीकर्मी बहादुरगढ़ पुलिस चौकी पहुंचे और वहां कनेक्शन की जांच की। जांच के दौरान उन्हें चौकी में बिजली के तारों का अवैध जाल मिला। बिजली विभाग का आरोप है कि पुलिस चौकी में केबल काटकर चोरी से बिजली चलाई जा रही थी। विद्युत अधिकारियों ने तुरंत चौकी की बिजली काट दी और ₹3.43 लाख के बकाए बिल का नोटिस चौकी पर चिपका दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ वायरल हो गया।

अधिकारियों ने क्या कहा?
गढ़मुक्तेश्वर के अधिशासी अभियंता सूर्य उदय कुमार वर्मा ने बताया कि अवैध कनेक्शन मिलने और करीब 3.5 लाख रुपये के बकाए बिल के चलते बिजली काटी गई। वहीं, मामले के बढ़ने पर उच्च अधिकारी सक्रिय हुए और विवाद को सुलझाने के लिए मीटिंग की गई। अपर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर ने कहा कि—यह सब कुछ गलतफहमी के कारण हुआ था। अधिकारियों की बैठक में मामले को समझाया गया, अब विवाद खत्म हो चुका है। पुलिस ने केवल संभावित संज्ञेय अपराध और मारपीट की आशंका को देखते हुए कार्रवाई की थी।

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