Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Aug, 2025 07:38 AM

Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक सरकारी स्कूल में धर्म आधारित भेदभाव की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां कोतवाली देहात ब्लॉक के हरवंशपुर धारम गांव के कंपोजिट विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन पर आरोप लगे हैं कि वह...
Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक सरकारी स्कूल में धर्म आधारित भेदभाव की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां कोतवाली देहात ब्लॉक के हरवंशपुर धारम गांव के कंपोजिट विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन पर आरोप लगे हैं कि वह हिंदू छात्रों को जबरन उर्दू पढ़ाने के लिए मजबूर करते थे। जब छात्र उर्दू पढ़ने से इनकार करते थे, तो वे मुस्लिम छात्रों से हिंदू छात्रों की पिटाई करवाते थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला तब उजागर हुआ जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में कई छात्र बता रहे हैं कि शिक्षक उन्हें धमकाते थे और उर्दू पढ़ने से मना करने पर पिटाई करवाई जाती थी। वीडियो में शिक्षक मंदिरों और भगवान के अस्तित्व को भी नकारते हुए नजर आ रहे हैं। वह कहते सुनाई देते हैं कि "मंदिर और भगवान कुछ नहीं होता, किसी ने भगवान को देखा है क्या?"
शिक्षक पर तुरंत कार्रवाई
यह वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) योगेंद्र कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी इंद्रपाल सिंह को मामले की जांच का आदेश दिया। जांच में बच्चों और उनके अभिभावकों के बयान के आधार पर आरोप सही पाए गए। इसके बाद बीएसए ने शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन को निलंबित कर दिया है। उन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालय जहानाबाद खोबड़ा में ट्रांसफर कर दिया गया है। बीएसए ने कहा कि धर्म के नाम पर स्कूलों में भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शिक्षा व्यवस्था में ऐसा आचरण कतई स्वीकार्य नहीं है।
हिंदू संगठनों में आक्रोश
इस घटना के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों में गहरा आक्रोश फैल गया है। उनका कहना है कि स्कूलों में धार्मिक कट्टरता और जबरन धर्म की थोपाई बच्चों के भविष्य पर बुरा असर डाल रही है। उन्होंने आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।