Edited By Ramkesh,Updated: 09 Aug, 2025 05:27 PM

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर लगाए जाने वाले सुविधा शुल्क को उचित ठहराया है। संस्था का कहना है कि यह शुल्क उसके डिजिटल बुनियादी ढांचे के रखरखाव और अपग्रेडेशन के लिए जरूरी है।
यूपी डेक्स: इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर लगाए जाने वाले सुविधा शुल्क को उचित ठहराया है। संस्था का कहना है कि यह शुल्क उसके डिजिटल बुनियादी ढांचे के रखरखाव और अपग्रेडेशन के लिए जरूरी है।
दरअसल, राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने डिजिटल भुगतान, खासकर UPI से बुक किए जाने वाले एसी और नॉन-एसी ट्रेन टिकटों पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि नॉन-एसी टिकटों पर ₹10 और एसी टिकटों पर ₹20 का यह शुल्क लोगों को कैशलेस पेमेंट से हतोत्साहित करता है, जबकि सरकार कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा दे रही है।
रेल मंत्री का स्पष्टीकरण
8 जुलाई को लिखित जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम एक ‘पैसेंजर फ्रेंडली’ सुविधा है, जिसके संचालन और विस्तार में भारी खर्च होता है। लाखों यूज़र्स के लिए सुरक्षित और सुचारु बुकिंग अनुभव बनाए रखने के लिए यह शुल्क जरूरी है।
आरक्षण काउंटर जाने की परेशानी से बचता है उपभोक्ता
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 87% आरक्षित टिकट ऑनलाइन बुक किए जाते हैं, जिससे यात्रियों को आरक्षण काउंटर जाने की परेशानी और अतिरिक्त खर्च से छुटकारा मिलता है। यह शुल्क परिचालन लागत (operational expenses) की भरपाई का एक न्यूनतम तरीका है।
कैशलेस और सुविधा शुल्क पर बहस
इस मुद्दे ने कैशलेस भुगतान को लेकर चल रही बहस को और तेज कर दिया है। आलोचकों का मानना है कि सरकारी उपक्रमों द्वारा लगाए गए ऐसे शुल्क डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लक्ष्य के विपरीत हैं। हालांकि, रेल मंत्री का तर्क है कि यह डिजिटल पेमेंट पर टैक्स नहीं, बल्कि वैल्यू-एडेड सर्विस के लिए एक आवश्यक शुल्क है, जो यात्रियों को प्रीमियम स्तर की सुविधा प्रदान करता है।