Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Jul, 2024 11:02 AM
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंथरा इलाके में घर में घुसकर युवक (ऋतिक पांडे) की पीट-पीटकर हत्या मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 2 दारोगा सहित 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद मृतक...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंथरा इलाके में घर में घुसकर युवक (ऋतिक पांडे) की पीट-पीटकर हत्या मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 2 दारोगा सहित 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद मृतक युवक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की थी।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राजधानी लखनऊ के बंथरा गांव में बिजली की सप्लाई को लेकर 2 पक्षों में जमकर विवाद हुआ था। आरोप है कि रात लगभग 10 बजे से बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी, जबकि ऋतिक पांडे के इलाके में बिजली की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी थी। इस दौरान मृतक ऋतिक पांडे 1-2 लोगों के साथ मौके पर पहुंचा, जहां गांव के रिशु सिंह व अन्य लोग मौजूद थे। बिजली सप्लाई शुरू करने को लेकर इन दोनों के बीच पहले धीरे-धीरे बहस शुरु हुई जो बाद में मारपीट में बदल गई। हालांकि इस दौरान मामला शांत होने पर ऋतिक घर वापस आ गया।
दबंगों ने मृतक युवक और उसके घरवालों को बेरहमी से पीटा
बताया जा रहा है कि कुछ समय के बाद रिशु और उसके परिजन तमाम लोगों के साथ ऋतिक पांडे के घर पहुंच गए और उन्होंने मिलकर पूरे परिवार को बेरहमी से पीटा, जिसमें सबसे ज्यादा मृतक ऋतिक को पीटा गया। हालांकि इस दौरान पिता बबन और दूसरे बेटे अभिषेक को भी चोटें आईं। मारपीट में घायल होने के बाद सभी लोगों को अस्पताल ले जाया गया। आरोप है कि थाने में जब पुलिस से शिकायत की गई तो पुलिस ने सुबह आने को कहा और उन्हें मौके से भगा दिया।
बिजली विभाग ने मृतक ऋतिक पांडे के खिलाफ दी थी तहरीर
वहीं बिजली विभाग की तरफ से मृतक ऋतिक के खिलाफ तहरीर दी गई। जिसके बाद पुलिस ऋतिक पांडे के घर दबिश देने लगी।पिटाई में घायल होने पर अस्पताल में इलाज के बाद ऋतिक को घर ले जाया गया, लेकिन सुबह अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई और उसे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। हालांकि DCP साउथ जोन तेजरूप सिंह ने इस मामले की जांच एसीपी कृष्णा नगर को सौंपी थी जिसके बाद आरोपियों की लापरवाही सामने निकलकर आई और दारोगा सुभाष यादव, दारोगा सुशील यादव और सिपाही यत्येंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।