Edited By Anil Kapoor,Updated: 30 Dec, 2022 01:24 PM

उत्तर प्रदेश में कुशीनगर (Kushinagar) के विशुनपुरा ब्लाक के खरसाल बबुईया ग्राम सभा का एक वीडियो वायरल(Video Viral)हुआ। जिसमें ग्राम पंचायत के सचिव मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर खुलेआम रुपया लेते दिख रहे हैं। प्रदेश सरकार पारदर्शी व्यवस्था बनाने...
कुशीनगर(अनूप कुमार): उत्तर प्रदेश में कुशीनगर (Kushinagar) के विशुनपुरा ब्लाक के खरसाल बबुईया ग्राम सभा का एक वीडियो वायरल(Video Viral)हुआ। जिसमें ग्राम पंचायत के सचिव मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर खुलेआम रुपया लेते दिख रहे हैं। प्रदेश सरकार पारदर्शी व्यवस्था बनाने का प्रयास करते हुए लगातार भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने की बात कह रही है। लेकिन कुशीनगर में लगातार वायरल होते घूस लेने के वीडियो सरकार के दावों को खुली चुनौती दे रहे हैं। प्रशासनिक मशीनरी में घुन की तरह घुस चुके लोग किसी भी तरह अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए सचिव का घूस लेते का Video Viral
जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो विशुनपुरा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत खरसाल बबुईया का बताया जा रहा है। वीडियो में इस गांव के ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) राघवेन्द्र पटेल ग्राम सभा का परिवार रजिस्टर लेकर बैठे नजर आ रहे हैं। जिसमें से एक व्यक्ति उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के बाद लेने आया हैं। जिसके लिए प्रमाणपत्र देने का खर्चा मांगा जा रहा है। मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में पहले 200 रुपए देना चाहता है, जिस पर वो कुछ नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। उनके कुछ दूरी पर बैठा दूसरा व्यक्ति इशारे से 300 रुपए देने को कहता है। इस पर उन्हें तीन सौ रुपया दिया जा रहा है। जिसे लेकर अपनी जेब में रखने के बाद वो अपनी कार्रवाई आगे बढ़ा रहे हैं।

सचिव को जारी किया गया कारण बताओ नोटिस
खास बात यह है कि आज वायरल हुआ यह वीडियो गांव की महिला प्रधान मिनटी मिश्रा के दरवाजे पर ही 3-4 दिन पूर्व बनाया गया बताया जा रहा है। बतौर प्रतिनिधि प्रधान का काम देखने वाले उनके ससुर उमा मिश्रा स्वयं ग्राम विकास अधिकारी के बगल में बैठे दिख रहे हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र देने के नाम पर पीड़ित से 300 रुपया लिए जाने के वायरल वीडियो के मामले पर विशुनपुरा ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो उनके सामने आया जो खरसाल बबुईया हरपुर का है। जिसे देखने के बाद सचिव को कारण बताओ नोटिस दिया जा रहा है। जाच के बाद सख्त और उचित कार्रवाई की जा रही है।