Edited By Purnima Singh,Updated: 10 May, 2025 06:33 PM

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस अधीक्षक ने रेहड़ थाना प्रभारी और दो दारोगाओं को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली थी कि इन पुलिस कर्मियों ने एक मामूली मारपीट के मामले को बिना साक्ष्य के जानलेवा हमले में तब्दील कर पांच निर्दोष लोगों...
बिजनौर : उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस अधीक्षक ने रेहड़ थाना प्रभारी और दो दारोगाओं को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली थी कि इन पुलिस कर्मियों ने एक मामूली मारपीट के मामले को बिना साक्ष्य के जानलेवा हमले में तब्दील कर पांच निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया था। शिकायत के बाद एसपी ने जांच कराई तो विवेचना में लापरवाही और मिलीभगत सामने आई। जिसके चलते ये एक्शन लिया गया।
अमरजीत सिंह ने की शिकायत
दरअसल, एक सप्ताह पहले मलकंठपुर गढ़ी गांव के सरदार अमरजीत सिंह के भतीजे पर्भजीत सिंह को भी इसी केस में भी जेल भेज दिया गया था। अमरजीत सिंह ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सामान्य मारपीट की धारा को पुलिस ने जानलेवा हमले की धारा में तब्दील कर उनके पक्ष के पांच लोगों को जेल भेज दिया है। रेहड़ गांव में छह दिसंबर को जानलेवा हमले की धारा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था। रेहड़ पुलिस ने एक पक्ष के सरदार हरजिंदर सिंह, जुरनैल सिंह पुत्रगण साधु सिंह, मानवेंद्र व लखवीर सिंह उर्फ लक्खा को जेल भेज दिया था। चारों जमानत पर छूट गए थे।
पुलिस अधीक्षक ने सीओ धामपुर से कराई जांच
पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जिम्मेदारी सीओ धामपुर को सौंप दी। सीओ ने इस मामले की गहनता से जांच कराई। सीओ की जांच में पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार रात रेहड़ थाना प्रभारी किशन सिंह अवतार, दारोगा राजीव सिंह और फिरोज खान को सस्पेंड कर दिया है।