Edited By Anil Kapoor,Updated: 11 May, 2025 10:15 AM

Pahalgam Terror Attack: कभी कश्मीर की वादियां उसके लिए नई शुरुआत का सपना थीं, लेकिन अब वही यादें उसकी सबसे बड़ी पीड़ा बन गई हैं। हम बात कर रहे हैं सोहेनी अधिकारी की, वह एक ऐसी महिला है जिसने अपने पति को अपनी आंखों के सामने खो दिया, और अब भी उस सदमे...
Pahalgam Terror Attack: कभी कश्मीर की वादियां उसके लिए नई शुरुआत का सपना थीं, लेकिन अब वही यादें उसकी सबसे बड़ी पीड़ा बन गई हैं। हम बात कर रहे हैं सोहेनी अधिकारी की, वह एक ऐसी महिला है जिसने अपने पति को अपनी आंखों के सामने खो दिया, और अब भी उस सदमे से उबर नहीं सकी हैं।
पहलगाम में खूनी खेल
मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना 22 अप्रैल की है, जब पश्चिम बंगाल से बितान अधिकारी अपनी पत्नी सोहेनी के साथ कश्मीर की सैर पर निकले थे। बितान अमेरिका के फ्लोरिडा में एक आईटी कंपनी में काम करते थे और छुट्टी पर भारत आए थे। उन्होंने सोचा था कि कश्मीर की खूबसूरत वादियों में कुछ बेहतरीन पल बिताएंगे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में 26 हिंदुओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इन्हीं में से एक थे बितान, जिन्हें आतंकियों ने उनकी पत्नी सोहेनी के सामने गोली मार दी।
एक झटके में उजड़ गया जीवन
बितान की मौत के बाद सोहेनी पूरी तरह टूट चुकी हैं। वह अब तक सदमे में हैं और किसी भी तरह की सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं हैं। इस भयानक त्रासदी ने उनकी पूरी दुनिया बदल दी। एक निजी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, सोहेनी आज भी इस दुख से उबर नहीं पाई हैं और उन्हें सामान्य स्थिति में आने में समय लगेगा।
भारत सरकार का बड़ा फैसला
सोहेनी अधिकारी मूल रूप से बांग्लादेश की नागरिक थीं। बितान से विवाह के बाद वह भारत आ गई थीं, लेकिन उन्हें अब तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली थी। इस त्रासदी के बाद भारत सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। गृह मंत्रालय की ओर से अब सोहेनी को भारत की नागरिकता दे दी गई है। यह जानकारी पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की।
बांग्लादेश में असुरक्षित हिंदू
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति पहले से ही चिंताजनक रही है। वहां की मौजूदा सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सोहेनी के लिए भारत में रहना ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प था।