Edited By Ramkesh,Updated: 28 Jul, 2024 06:18 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय को अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया है। वहीं सपा के दिग्गज नेता कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। कमाल अख्तर अख्तर मुलायम...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय को अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया है। वहीं सपा के दिग्गज नेता कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। कमाल अख्तर अख्तर मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं। 2004 में कमाल अख्तर समाजवादी पार्टी ने सीधे राज्यसभा में भेज दिए गए था। यानी राजनीतिक जीवन की शुरुआत सीधे बतौर राज्यसभा सदस्य की।
आप को बता दें कि सोमवार को विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू होने से एक दिन पूर्व रविवार को अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेजे एक पत्र में माता प्रसाद पांडेय (82) को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने का अनुरोध किया। सपा ने पत्र सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया है। यादव द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गये पत्र के मुताबिक माता प्रसाद पांडेय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, महबूब अली-अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्तर-मुख्य सचेतक और राकेश कुमार उर्फ आर के वर्मा-उप सचेतक होंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका का निर्वहन कर रहे थे। उन्होंने कन्नौज संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद (मैनपुरी जिले की) करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। यादव की जगह अब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और सपा के वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे। पार्टी के एक नेता ने बताया कि यादव ने सिद्धार्थ नगर जिले की इटवा सीट से सपा विधायक पांडेय को विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने पर अपनी मुहर लगा दी है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तय करने के लिए पार्टी विधायकों की बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को नेता प्रतिपक्ष का चयन करने के लिए अधिकृत किया गया। ब्राह्मण समाज से आने वाले पांडेय उत्तर प्रदेश विधानसभा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं और सातवीं बार विधायक हैं। पांडेय पहली बार 1980 में फिर 1985 और 1989 में विधायक बने। इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में पांडेय लगातार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। हालांकि साल 2017 में वह पराजित हो गये लेकिन 2022 में वह फिर इटवा से विधायक निर्वाचित हुए।
पांडेय 1990-1991 के बीच मुलायम सिंह यादव की कैबिनेट में चिकित्सा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे। 2002-2004 के बीच मुलायम की सरकार में उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया और उन्हें श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का प्रभार दिया गया। पांडेय पहली बार 2004-2007 के बीच उप्र विधानसभा के अध्यक्ष बने और 2012-17 के बीच फिर से इस पद पर रहे। अधिष्ठाता मंडल बनाये गये महबूब अली-अमरोहा, मुख्य सचेतक कमाल अख्तर-मुरादाबाद जिले के कांठ और सचेतक आरके वर्मा प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। इसके पहले विधानसभा में मुख्य सचेतक रहे रायबरेली जिले के ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पांडेय ने राज्यसभा चुनाव के दौरान मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया था। हाल में सपा प्रमुख यादव ने उन पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाते हुए विधानसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता रद्द करने की गुजारिश की थी।