Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 Sep, 2025 03:18 PM

खुद को ‘दूसरी राधा’ कहने वाले और पूर्व IG डीके पांडा एक बार फिर साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। इस बार ठगों ने व्हाट्सएप लिंक के जरिए उनके बैंक खाते से 4 लाख 32 हजार रुपये उड़ा लिए। घटना 9 सितंबर की बताई जा रही है, जबकि एफआईआर 15 सितंबर को धूमनगंज...
Prayagraj News: खुद को ‘दूसरी राधा’ कहने वाले और पूर्व IG डीके पांडा एक बार फिर साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। इस बार ठगों ने व्हाट्सएप लिंक के जरिए उनके बैंक खाते से 4 लाख 32 हजार रुपये उड़ा लिए। घटना 9 सितंबर की बताई जा रही है, जबकि एफआईआर 15 सितंबर को धूमनगंज थाने में दर्ज की गई।
खुद को बैंक कर्मी बताया और व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा
डीके पांडा प्रयागराज के प्रीतमनगर स्थित एडीए कॉलोनी में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वे इंडियन बैंक मुंडेरा शाखा का टोल-फ्री नंबर इंटरनेट पर सर्च कर रहे थे, तभी उनके पास एक कॉल आया। कॉलर ने खुद को बैंक कर्मी बताया और व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा। लिंक खोलने के बाद उन्हें फोन पर लंबे समय तक बातों में उलझाया गया और इसी दौरान उनके यूको बैंक अकाउंट से चार ट्रांजेक्शन में कुल 4.32 लाख रुपये निकाल लिए गए। इनमें 1,95,023 रुपये, 95,008 रुपये, 98,000 रुपये और 44,012 रुपये शामिल हैं।
यह विशुद्ध साइबर ठगी का मामला: पुलिस
पांडा ने अगले दिन 10 सितंबर को साइबर क्राइम सेल में शिकायत दी, लेकिन एफआईआर 15 सितंबर को दर्ज हो सकी। मामले की जांच इंस्पेक्टर सुरेंद्र पाल सिंह को सौंपी गई है। धूमनगंज थाना प्रभारी अमर नाथ राय ने बताया कि यह विशुद्ध साइबर ठगी का मामला है और ठग के मोबाइल नंबर तथा लिंक की तकनीकी जांच की जा रही है।
पहले भी हो चुके हैं ठगी के शिकार
यह पहली बार नहीं है जब डीके पांडा साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। पिछले साल भी उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 8 लाख रुपये टीडीएस के रूप में ठग लिए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय उन्हें 3.81 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाकर ठगा गया था।
2005 में छोड़ी थी नौकरी, बन गए थे ‘दूसरी राधा’
ओडिशा मूल के 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी डीके पांडा ने 2005 में नौकरी से इस्तीफा देकर आध्यात्मिक जीवन अपना लिया था। उन्होंने खुद को ‘दूसरी राधा’ घोषित किया और 2015 में नाम बदलकर कृष्णानंद रख लिया। उनका प्रयागराज स्थित घर 'राधा कुंज' के नाम से जाना जाता है।
पुलिस की अपील: रहें सतर्क
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि अज्ञात नंबर से आए कॉल या लिंक पर भरोसा न करें और बैंक संबंधित जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट या ऐप के माध्यम से ही प्राप्त करें।