Edited By Ramkesh,Updated: 07 Dec, 2024 05:11 PM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम के तहत अगले छह महीने के लिए अपने विभागों, निगमों और स्थानीय प्राधिकरणों में हड़ताल और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गयी। भारतीय जनता...
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम के तहत अगले छह महीने के लिए अपने विभागों, निगमों और स्थानीय प्राधिकरणों में हड़ताल और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गयी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि आगामी महीनों में राज्य में दिव्य एवं भव्य महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं।
शुक्ला ने कहा कि महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस कदम को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया है। सपा के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा, ‘‘ संविधान के प्रावधानों के अनुसार लोगों और सरकारी कर्मचारियों को अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन, ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि लोग ऐसा करें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ 7 दिसंबर को देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। स्थिति की गंभीरता का आकलन करने और सघन संघर्ष की रणनीति तय करने के लिए 11 दिसंबर को लखनऊ में राष्ट्रीय चैप्टर की बैठक होगी। इस बैठक में कर्मचारी एवं अभियंता महासंघ के सभी नेता भाग लेंगे। लोगों को जनविरोधी नीतियों के बारे में जागरूक करने के लिए बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ व्यापार लॉबी के पक्ष में उपभोक्ताओं सहित व्यापक प्रदर्शन 13 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा।