शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान पर 'विवादित ढांचा' शब्द का हो प्रयाग, मुस्लिम पक्ष बोला- 'संशोधन आवेदन की अनुमति आदेश के खिलाफ'

Edited By Ramkesh,Updated: 03 Apr, 2025 08:08 PM

the word disputed structure should be used in place of shahi idgah mosque

मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दो अलग-अलग वाद से जुड़े आवेदनों पर निर्णय सुनाने के लिए छह मई की तिथि बृहस्पतिवार को निर्धारित की। इनमें से एक आवेदन ‘वाद संख्या 13' से जुड़ा है जिसमें आगे की संपूर्ण...

प्रयागराज: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दो अलग-अलग वाद से जुड़े आवेदनों पर निर्णय सुनाने के लिए छह मई की तिथि बृहस्पतिवार को निर्धारित की। इनमें से एक आवेदन ‘वाद संख्या 13' से जुड़ा है जिसमें आगे की संपूर्ण सुनवाई में “शाही ईदगाह मस्जिद” शब्द के स्थान पर “विवादित ढांचा” शब्द का उपयोग करने की प्रार्थना की गई है। वहीं, ‘वाद संख्या सात' से जुड़े आवेदन में राधा रानी को वादी के तौर पर पक्षकार बनाने की प्रार्थना की गई है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की अदालत कर रही है।

 उच्च न्यायालय में ‘वाद संख्या 13' से जुड़े आवेदन में इस अदालत के समक्ष लंबित अन्य सभी संबंधित मामलों में भी “शाही ईदगाह मस्जिद” शब्द के स्थान पर विवादित ढांचा शब्द का उपयोग करने की प्रार्थना की गई है। सुनवाई के दौरान, मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया है कि संशोधन आवेदन की अनुमति के आदेश के खिलाफ उन्हें उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करनी है। उच्च न्यायालय ने पांच मार्च 2025 को वादी पक्ष की ओर से कुछ संशोधन की मांग स्वीकार कर ली थी।

उल्लेखनीय है कि हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाने, भूमि पर कब्जा लेने और मंदिर का पुनर्निर्माण के लिए 18 मुकदमे दाखिल किए हैं। इससे पूर्व, एक अगस्त 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर इन मुकदमों की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और पूजा स्थल अधिनियम 1991 से बाधित नहीं हैं।

पूजा स्थल अधिनियम किसी भी धार्मिक ढांचे की उस स्थिति को परिवर्तित करने से रोकता है जो 15 अगस्त 1947 को थी। अदालत ने 23 अक्टूबर 2024 को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी 2024 के अपने निर्णय में हिंदू पक्षों द्वारा दायर सभी मुकदमों को समेकित कर दिया था। यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्म स्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है। 

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