Edited By Ramkesh,Updated: 22 Jun, 2025 01:58 PM

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न केवल मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया, बल्कि सामाजिक समरसता की मिसाल भी पेश की। शनिवार को एक मुस्लिम परिवार अपनी अविवाहित गर्भवती बेटी को अबॉर्शन के लिए कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल लेकर...
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न केवल मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया, बल्कि सामाजिक समरसता की मिसाल भी पेश की। शनिवार को एक मुस्लिम परिवार अपनी अविवाहित गर्भवती बेटी को अबॉर्शन के लिए कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचा। मगर, युवती के आंसुओं और प्रेमी के हस्तक्षेप से जो घटनाक्रम सामने आया, वह इंसाफ से आगे बढ़कर इंसानियत की जीत बन गया।
अबॉर्शन को प्रेमी ने रोका
अस्पताल निदेशक के अनुसार, जब युवती से अकेले में बात की गई तो उसने बताया कि वह अपनी मर्जी से गर्भ नहीं गिराना चाहती, लेकिन परिवार दबाव बना रहा है। उसने अस्पतालकर्मियों से फोन मांग कर अपने प्रेमी को सूचना दी, जो एक हिंदू युवक है। सूचना मिलते ही वह युवक पुलिस के साथ अस्पताल पहुंचा और वहां हंगामा हो गया।
दोनो पक्षों में चली पंचायत फिर बनी बात
इसके बाद दोनों पक्षों को पुलिस पनकी रोड चौकी ले गई, जहां करीब एक घंटे तक पंचायत चली। स्थानीय बुजुर्गों और पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों से बातचीत की गई। पंचों ने भावनात्मक और नैतिक आधारों पर समझाया, साथ ही अजन्मे जीवन की महत्ता पर जोर दिया। परिणामस्वरूप, युवती के परिवार ने बच्चे को जन्म देने और आगे उसके पालन-पोषण पर सहमति दे दी। कल्याणपुर के इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि मामले में किसी भी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं दी है, लेकिन यदि तहरीर मिलेगी तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रेम कहानी जो दीवारें तोड़ गई
मामला दो पुराने दोस्तों के परिवारों से जुड़ा है। जूही निवासी एक हिंदू युवक की मुस्लिम दोस्त की बहन से प्रेम हो गया। दोनों ने चुपचाप मंदिर में शादी कर ली, लेकिन युवती अपने ही घर में रह रही थी। गर्भवती होने पर मामला खुला और परिवार के विरोध की स्थिति बनी। दोनों अपने अजन्मे बच्चे को किसी भी हाल में बचाना चाहते थे। आज वह बच्चा सिर्फ एक प्रेम कहानी की निशानी नहीं, बल्कि इंसानियत और आपसी समझ की एक जीवंत मिसाल बन गया है।