Edited By Ramkesh,Updated: 02 Dec, 2025 08:27 PM

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र और ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी की प्रेम कहानी हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे खास मानी जाती है। दो दिल, दो सितारे—जो सात जन्मों का साथ निभाने का वादा करके एक-दूसरे के जीवन में उतरे। लेकिन किस्मत ने उनकी राहें अंत में...
यूपी डेस्क: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र और ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी की प्रेम कहानी हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे खास मानी जाती है। दो दिल, दो सितारे—जो सात जन्मों का साथ निभाने का वादा करके एक-दूसरे के जीवन में उतरे। लेकिन किस्मत ने उनकी राहें अंत में इतनी खामोशी से बदल दीं कि 45 साल का रिश्ता अचानक एक दर्दनाक मोड़ पर थम गया।
हेमा मालिनी ने बताई भावनात्मक वजह
धर्मेंद्र के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को परिवार ने बेहद निजी रखा। इस फैसले पर लंबे समय तक सवाल उठते रहे—आखिर क्यों इतना बड़ा सितारा, और इतना शांत अंतिम विदाई? अब पहली बार हेमा मालिनी ने इस फैसले के पीछे की भावनात्मक वजह बताई है।
धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कोई उन्हें कमजोर देखे
फिल्म निर्माता हमद अल रेयामी ने हाल ही में धर्मेंद्र के निधन के बाद हेमा से मुलाकात की। बातचीत के दौरान हेमा मालिनी ने बताया कि अंतिम संस्कार को गुप्त रखने का निर्णय परिवार ने धर्मेंद्र की इच्छा का सम्मान करते हुए लिया। हेमा ने कहा ने “धर्मेंद्र अपनी गरिमा कायम रखना चाहते थे। उन्होंने जीवनभर किसी को अपनी कमजोरी नहीं दिखाई। बीमारी का दर्द उन्होंने अपने सबसे करीबियों से भी छिपाए रखा। वे नहीं चाहते थे कि लोग उन्हें असहाय रूप में देखें।
अधूरी रह गई धर्मेंद्र की कविताओं की किताब
हेमा मालिनी ने खुलासा किया कि धर्मेंद्र को कविताओं से बेहद लगाव था और वे अक्सर लिखते भी थे। वह चाहती थीं कि धर्मेंद्र अपनी रचनाएँ किताब के रूप में प्रकाशित करें। हेमा ने मुस्कुराते हुए याद किया“मैं उनसे कहती थी कि आपकी कविता कितनी खूबसूरत है, इसे दुनिया के सामने रखिए। लेकिन वे कहते— ‘अभी नहीं… पहले कुछ कविताएं और पूरी कर लूँ। हमद ने कहा, “दुर्भाग्य से समय ने उन्हें वह मौका नहीं दिया।
हेमा मालिनी के दिल की कसक
धर्मेंद्र ने ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘सत्या कम’ जैसे 300 से अधिक फिल्मों में अमर भूमिकाएं निभाईं। वह हमेशा मजबूत छवि के साथ जीए। लेकिन हेमा के दिल में आज भी एक दर्द बाकी है। उन्होंने स्वीकार किया “काश उस दिन मैं फार्महाउस पर होती… काश उन आखिरी पलों में मैं उन्हें देख पाती। यह अधूरा सपना और अंतिम मुलाकात का न होना, हेमा के मन में हमेशा एक कसक बनकर रहेगा।