Edited By Imran,Updated: 09 Feb, 2024 03:09 PM

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का देने का ऐलान कर दिया गया है। PM नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है। वहीं साथ ही एमएस स्वामीनाथन जी को और पीवी नरसिंह्मा राव को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। जिसको लेकर सपा नेता स्वामी...
लखनऊ: पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का देने का ऐलान कर दिया गया है। PM नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है। वहीं साथ ही एमएस स्वामीनाथन जी को और पीवी नरसिंह्मा राव को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। जिसको लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए भाजपा पर तंज कसा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि
उधर, इसकी जानकारी जयंत चौधरी को लगा तो इतना खुश हुए कि ट्वीटर पर लिख दिया- 'दिल जीत लिया'। जयंत सिंह के आरएलडी के बारे में चर्चा चल रही है कि वह जल्द एनडीए गठबंधन में शामिल हो जाएगी।
प्रधान मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा-
"यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था।"
pm ka tweet
सत्याग्रह आंदोलन में गिरफ्तार हुए थे चरण सिंह
गौरतलब है कि लंबे समय आरएलडी के नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग कर रहे थे। चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री पद पर 28 जुलाई से 1979 से 14 जनवरी 1980 तक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। जाट परिवार में जन्म लेने वाले चौधरी चरण सिंह देश के स्वतंत्र होने के बाद राजनीति में प्रवेश किया। वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आंदोलन में लग गए। स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने भी प्रतिभाग किया। 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी चरण सिंह गिरफ्तार हुए और फिर अक्टूबर 1941 में रिहा किए गए