50 हजार के इनामी सजायाफ्ता बंदी को STF ने किया आगरा से गिरफ्तार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 Feb, 2020 01:20 PM

stf arrested 50 thousand convicted prisoner from agra

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पिता और भाई की हत्या करने वाले आजीवन कारावास के सजायाफ्ता 50 हजार रुपये के इनामी बंदी को रविवार को आगरा छवनी स्टेशन से गिरफ्तार कर...

लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पिता और भाई की हत्या करने वाले आजीवन कारावास के सजायाफ्ता 50 हजार रुपये के इनामी बंदी को रविवार को आगरा छवनी स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दस साल पहले पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए पिता एवं भाई की हत्या करने वाले जालौन जिला निवासी 50 हजार के इनामी सजायाफ्ता बंदी दयाशंकर उफर् राजा को एसटीएफ ने आगरा से छावनी स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि जालौन जिले के कोंच इलाके के छानी गांव निवासी दयाशंकर का पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा न देने को लेकर 21 मार्च 2005 को अपने बड़े भाई हरेन्द्र और पिता राधेलाल के बीच झगड़ा हो गया था। उसी दौरान इसने अपने भाई और पिता की तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि घटना के बाद दयाशंकर मौके से फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने एक सप्ताह बाद गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया कि पिता और भाई की हत्या के आरोपी दयाशंकर को जालौन के जिला एवं सत्र न्यायालय उरई द्वारा लगभग 16 माह के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। सजा भुगतने के लिए उसे वर्ष 2006 में बरेली केन्द्रीय कारागार भेज दिया गया। बरेली केन्द्रीय कारागार में लगभग तीन साल के बाद उसकी गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुये न्यायालय के आदेशानुसार 2009 में बरेली जेल से फतेहगढ़ जेल स्थानान्तरण करने के आदेश प्राप्त हुये।

तीनों पुलिस कर्मियों को किया गया था निलंबित
बरेली पुलिस लाइन से मुख्य आरक्षी गजेन्द्र सिंह, भरत सिंह, आरक्षी बनवारी लाल की ड्यिूटी उसे फतेहगढ़ जेल ले जाने के लिए लगायी गयी थी। प्रवक्ता के अनुसार 26 जुलाई 2009 को पुलिस अभिरक्षा में जब दयाशंकर को लेकर पुलिस केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ के लिए ट्रेन से रवाना हुये थे और 26/27 जुलाई की रात्रि दयाशंकर अंधेरे का फायदा उठाकर कासगंज स्टेशन के पास ट्रेन से कूदकर भाग गया था। इस मामले में तत्कालीन बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अभिरक्षा से बंदी के भाग जाने के सम्बन्ध में तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था।

कानपुर में लगभग 10 साल से काट रहा फरारी
दयाशंकर फरार होने के बाद कानपुर के रनिया इलाके में आकर लगभग तीन माह एक फैक्ट्री में काम किया उसके बाद अपने गॉव जाकर अपनी भाभी शकुन्तला का नम्बर लेकर बात की और उसके साथ कानपुर के किशन नगर में रहने लगा। उन्होंने बताया कि कानपुर में लगभग 10 साल से फरारी काटने के बाद भाभी शकुन्तला से हुये बच्चे के पढाई आदि का खर्च पूरा न होने पर उसने अपना धंधा शुरू करने के लिये लगभग 04 माह पहले कानपुर से मथुरा के राधा कुण्ड आकर फरारी काटने लगा। मथुरा के राधाकुण्ड में वर्ष भर विभिन्न मेलों का आयोजन होने एवं काफी अच्छी भीड़-भाड़ वाला इलाका होने के कारण वहीं पर पानी पूरी की ठेला लगाकर फरारी काटने लगा। बाद में दयाशंकर द्वारा अपनी भाभी शकुन्तला एवं उससे हुये बच्चे को भी मथुरा के राधाकुण्ड में लाकर किराये पर कमरा लेकर रहने लगा था।

उसका भाभी से शादी के पूर्व से ही अवैध सम्बन्ध
प्रवक्ता ने बताया कि दयाशंकर की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। इसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। इसी क्रम में सूचना प्राप्त हुयी कि फरार दयाशंकर को आज करीब पौने चार बजे शाम को जीआरपी आगरा के सहयोग से कैंट रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ पर बताया कि उसकी अपनी भाभी से शादी के पूर्व से अवैध सम्बन्ध थे, जिसकी जानकारी बड़े भाई हरेन्द्र कुमार एवं उसके पिता राधेलाल को हो गयी थी, जिसके चलते उसे भाई और पिता उसे सम्पत्ति से बेदखल करना चाहते थे। पिता के पास 06 बीघा जमीन एवं एक परचून की दुकान थी, जिसकी देखरेख बड़ा भाई करता था। उसी कारण उसने भाई और पिता की हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दयाशंकर को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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