Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Jun, 2022 12:45 PM
एक तरफ नगर निगम स्वच्छता अभियान को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है तो दूसरी तरफ इस ओर लापरवाही बरत रहा है। नाले-नालियों की नियमित रुप से सफाई न होने पर इनमें गंदगी जमा हो रही है।
शामली: एक तरफ नगर निगम स्वच्छता अभियान को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है तो दूसरी तरफ इस ओर लापरवाही बरत रहा है। नाले-नालियों की नियमित रुप से सफाई न होने पर इनमें गंदगी जमा हो रही है। इस वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी की वजह से आमजन को गंभीर बीमारी जैसे कि डेंगू, मलेरिया का खतरा भी सता रहा है। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में इन दिनों भाजपा नेता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें भाजपा नेता नाले में हुई गंदगी को देख भड़क गए और अधिकारियों को फोन कर जमकर खरी खोटी सुनाई।इतना ही नहीं भाजपा नेता ने भाषा की मर्यादा भूलते हुए अधिकारियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
बता दें कि वर्तमान में भाजपा के एमएलसी के पुत्र व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान अपने क्षेत्र के गांव गंगेरू पहुंचे थे। यहां पर वह नाले में जमा हुई गंदगी को देख तिलमिला उठे और आनन-फानन में अधिकारियों को फोन कर दिया। फोन पर अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाने लगे। वह बोले कि यहां पर नाले में गंदगी भरी हुई है और आप लोग ए.सी. में बैठकर मजे ले रहे हो। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आप लोग मुख्यमंत्री जी और प्रधानमंत्री जी की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं। सफाई के लिए इतनी योजनाएं हैं, सभी मंत्री खुद सड़कों पर उतरे हुए हैं। देश की पूरी सरकार सड़कों पर उतरी हुई है और आप लोग ऑफिस में एसी में बैठे हुए हैं।
भाजपा नेता के फोन पर खरी खोटी सुनाने के बाद अधिकारी आनन-फानन में गांव पहुंचे, लेकिन भाजपा नेता का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पर्चे बनाकर तुम दो दो-तीन लाख रुपए निकलवा लेते हो और यहां पर 10 हज़ार का भी काम नहीं कर रहे। हम लोग जानते हैं कि काम कैसा होता है। इतना ही नहीं साहब ने ग्राम प्रधान को भी नहीं बख्शा और उनको भी खरी-खोटी सुना डाली।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि माना कि भाजपा नेता शहर के बड़े नेता हैं और नेता होने के नाते जनता का ध्यान रखने की उनकी जिम्मेदारी भी बनती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इतना तिलमिला जाएं कि अपनी सब मर्यादा ही भूल जाएं और वोट बैंक के चक्कर में अधिकारियों को खरी-खोटी सुना कर उनको अपशब्द बोलें।