Edited By Umakant yadav,Updated: 28 Oct, 2020 02:54 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषक विधेयकों को किसानों, खुदरा व्यापारियों, मण्डी समितियों के व्यापारियों और अढ़तियों के लिए घातक करार दिया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषक विधेयकों को किसानों, खुदरा व्यापारियों, मण्डी समितियों के व्यापारियों और अढ़तियों के लिए घातक करार दिया है। उन्होंने बुधवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा का यह कदम छोटे किसानों को समाप्त कर निजीकरण को बढ़ाने वाला और बड़े किसानों को, खुदरा व्यापरियों को आयकर के दायरे में लाकर उनसे अधिक से अधिक कर वसूली की नीति का परिचायक है।
चौधरी ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक में किसानों को व्यापारी बताकर आयकर खाता संख्या अनिवार्य किया गया है। यानी गॉवों में बाजारों में लघु किसानों से उनकी उपज खरीदने वाला खुदरा व्यापारी भी आयकर दाता होगा, दूध बेचने वाला, पशुचारा-भूसा क्रय-विक्रय करने वाले सभी कर के दायरे में आयेंगे। इससे कृषि उपज से जुड़े यह छोटे-छोटे व्यापारी समाप्त हो जायेंगे और फिर मजबूर होकर लघु किसान निजी संस्थाओं से जो कारपोरेट जगत की होंगी उनसे करार करेगा और अपनी ही खेती में मजदूर बनकर रह जायेगा।
उन्होंने कहा कि कीमत करार विधेयक, 2020 में क्वालिटी, श्रेणी और मानक आधारित उपज की कीमत तय करने की शर्त होगी जिसमें क्वॉलिटी और मानक तय करने में विवाद उत्पन्न कर लघु किसानों के साथ मनमानी करके शोषण किया जायेगा। किसान पॉच-दस हजार की उपज के लिए करार लेकर अधिकारियों के चक्कर लगायेगा जहॉ भी बड़ी-बड़ी कम्पनियों की ही केवल आवभगत होगी और उसे समझौते के लिए उन्ही की मंशानुसार सहमत होना मजबूरी होगी।