रामनवमी विशेष: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खोला गया जन्मभूमि पथ, एक घंटे अधिक दर्शन देंगे रामलला

Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Mar, 2023 10:04 AM

ram navami special janmabhoomi path opened for the convenience of devotees

जेहि दिन राम जनम श्रुति गोवाह, तीरथ सकल तहाँ चलि आंवहि… अर्थात जिस दिन रामलला का जन्म होता है उस दिन सभी देवता अयोध्या में एकत्र होकर आनंद में डूब जाते हैं। इसी अवधारणा का अनुसरण करते हुए अयोध्या में श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

अयोध्या: जेहि दिन राम जनम श्रुति गोवाह, तीरथ सकल तहाँ चलि आंवहि… अर्थात जिस दिन रामलला का जन्म होता है उस दिन सभी देवता अयोध्या में एकत्र होकर आनंद में डूब जाते हैं। इसी अवधारणा का अनुसरण करते हुए अयोध्या में श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। रामनवमी के उत्सव में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामनगरी पहुंच चुके हैं। गुरूवार को दोपहर 12 बजे से रामलला मंदिर, कनक भवन समेत अयोध्या के आठ हजार से भी अधिक मंदिरों में उत्सव शुरू हो जाएगा। रामनवमी पर श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए 30 और 31 मार्च को दर्शन अवधि में एक घंटे की बढ़ोतरी को गई है। पहले जन्मभूमि परिसर में प्रवेश के लिए पहली पाली में 7 बजे से 11.30 बजे तक का समय रखा गया था। अब सुबह 6.30 बजे और शाम को आधे घंटे और शाम 7.30 बजे तक श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर सकेंगे।

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श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खोला गया श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
श्रद्धालुओं को सुविधा के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र खोल दिया है। इस रास्ते से भक्त रामलला और कनक भवन जाकर दर्शन प्राप्त कर सकेंगे। रामलला पीले वस्त्र में दर्शन देंगे। परिसर के अस्थाई मंदिर में इस वर्ष अंतिम श्री राम जन्मोत्सव संपन्न भी हो रहा है। अगले वर्ष रामलला अपने दिव्य और भव्य मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होंगे। अस्थाई मंदिर में कलश स्थापना के साथ नव दिवसीय अनुष्ठान चल रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि दोपहर 12 बजते ही वैदिक मंत्रोच्चारण और सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार रामलला की विशेष आरती और पूजन होगा।

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12 क्विंटल पंजीरी, फल व मीठे से लगेगा भोग-
अस्थाई मंदिर में रामलला को विशेष भोग प्रसाद की व्यवस्था की गई है। ट्रस्ट के अनुसार एक लाख भक्तों को जन्मोत्सव का प्रसाद मिल सकेगा। इसके लिए 3 प्रकार की 12 क्विंटल पंजीरी, जिसमें रामदाना, सिघाड़े आटे और धनिया शामिल होगी। सुखा मेवा, 50 लीटर पंचामृत, 5 प्रकार के फल, पेड़ा और रबड़ी का भोग लगाया जाएगा।

इन मंदिरों में भी उत्सव का माहौल
राम जन्मोत्सव को लेकर कनक भवन, दशरथ महल, हनुमानगढ़ी, मणिराम दास छावनी श्रीरामवल्लभाकुंज, रामहर्षण कुंज, जानकी महल, सद्गुरु सेवा सदन मंदिर, लक्ष्मण किला, झुनकी घाट मंदिर सहित सैकड़ों मंदिरों में भी सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। जनमोत्सव के दौरान इन मंदिरों में भी पहुंच रहे श्रद्धालु उत्सव मना रहे हैं। विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों के साथ बधाई गायन हो रहा है।

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तड़के से सरयू स्नान का क्रम शुरू
श्रद्धालु भीड़ के दबाव एवं कठिनाइयों की चिंता किए बिना रामनगरी की ओर बढ़ते आ रहे हैं। मंदिरों और धर्मशालाओं के कक्ष गत दो-तीन दिनों से ही भर गए हैं। रामजन्मोत्सव की पूर्व संध्या तक मंदिरों के प्रांगण, पार्कों, स्टेशनों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी भक्तों ने डेरा डाल दिया है। किसी तरह रात बिता कर उन्हें गुरुवार की प्रतीक्षा है। तड़के से सरयू स्नान का क्रम शुरू होगा। मध्याह्न तक सरयू स्नान का सिलसिला थमेगा, तो मंदिरों में राम जन्मोत्सव की रौनक बिखरेगी। रामनगरी में तिल तक रखने की जगह नहीं है।

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