Edited By Mamta Yadav,Updated: 14 Jul, 2025 09:01 PM

उत्तर भारत के ज़्यादातर इलाकों में हुई बारिश और डैम से छोड़ा गया पानी का असर अब संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिल रहा है। गंगा सहित यमुना नदी एक बार फिर बढ़ाव की ओर अग्रसर हैं। दोनों नदिया एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। दोनों के जलस्तर में तेज़ी से...
Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): उत्तर भारत के ज़्यादातर इलाकों में हुई बारिश और डैम से छोड़ा गया पानी का असर अब संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिल रहा है। गंगा सहित यमुना नदी एक बार फिर बढ़ाव की ओर अग्रसर हैं। दोनों नदिया एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। दोनों के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में तस्वीरें देखकर शायद ही कोई यह अंदाजा लगा पाए कि इसी जगह देश का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ का आयोजन हुआ वह अब पूरा क्षेत्र जलमग्न है।
महाकुंभ में जिस जगह 65 करोड़ से अधिक जनसंख्या संगम क्षेत्र पहुंची साधु संतों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिला वह क्षेत्र पूरी तरह अब बाढ़ प्रभावित हो चुका है। जगह-जगह लगे बिजली के खंबे पूरी तरीके से डूब चुके हैं। हालांकि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए श्रद्धालु या कहे कि आम जनता बेहद खुश है क्योंकि कहा जाता है कि जिस साल मां गंगा लेटे हुए हनुमान मंदिर के अंदर प्रवेश करती हैं और हनुमान जी को नहलाती हैं उस साल किसी तरह की आपदा या समस्या प्रयागराज के साथ-साथ प्रदेश और देश में नहीं आती है। इसी वजह से प्रयागराज के स्थानीय लोग बाढ़ का इंतजार भी करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण संगम क्षेत्र के तीर्थ पुरोहित, नाविक और श्रद्धालु काफी परेशान हैं। बीते 5 दिन से लगातार पानी बढ़ रहा है जिसके चलते तीर्थ पुरोहितों को हर दिन अपना सामान समेटना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि बांध से करीब 3 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया जिसकी वजह से जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।