Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jan, 2022 09:24 AM
लखनऊ, 20 जनवरी (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से मैदान में उतरेंगे।
लखनऊ, 20 जनवरी (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से मैदान में उतरेंगे।
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने बृहस्पतिवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
अखिलेश इस समय आजमगढ़ से सांसद हैं और पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। आज की घोषणा से पहले उनके अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की ही किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगायी जा रही थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सपा की मैनपुरी इकाई ने बृहस्पतिवार को सपा मुखिया को करहल सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया।
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का पिछली सात बार से कब्जा रहा है। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को इस सीट पर एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था।
गौरतलब है कि अखिलेश के पिता व सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सांसद हैं। वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गये हैं। मुलायम का करहल से गहरा नाता है। उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे।
भाजपा ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष अगर करहल को सुरक्षित सीट मानते हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, "अखिलेश को अगर यह लगता है कि करहल उनके लिए सुरक्षित सीट है तो यह उनकी गलतफहमी है, जो विधानसभा चुनाव में दूर हो जाएगी। उनके पिता मुलायम सिंह यादव बसपा अध्यक्ष मायावती की अपील के बाद किसी तरह से मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीत पाए थे। इस बार भाजपा करहल में साइकिल को पंक्चर कर देगी ताकि वह एक्सप्रेस-वे के रास्ते लखनऊ न पहुंच सके।"
करहल सीट पर 20 फरवरी को तीसरे चरण में मतदान होना है।
अखिलेश पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले जब वह मुख्यमंत्री थे, तब वह विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।