Edited By Anil Kapoor,Updated: 15 Mar, 2023 11:01 AM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) की एक विशेष अदालत (Court) ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार (Arrested) किशोर की पहचान कथित रूप से सार्वजनिक करने के मामले में लखनऊ के पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) और 8 अन्य पुलिसकर्मियों...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) की एक विशेष अदालत (Court) ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार (Arrested) किशोर की पहचान कथित रूप से सार्वजनिक करने के मामले में लखनऊ के पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) और 8 अन्य पुलिसकर्मियों (Policeman) को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत (Court) ने इन पुलिसकर्मियों (Policeman) को 4 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया है।
लखनऊ पुलिस आयुक्त के फेसबुक पेज पर किशोर की पहचान पुलिस कर्मियों ने कर दी थी उजागर
जानकारी के मुताबिक, न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड के पेशकार सुनील कुमार की याचिका पर यह आदेश पारित किया। कुमार ने बोर्ड के निर्देश पर शिकायत दर्ज की थी। पुलिस कर्मियों ने लखनऊ पुलिस आयुक्त के फेसबुक पेज पर किशोर की पहचान कथित तौर पर उजागर कर दी थी। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) के मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत को बताया गया कि आरोपी को पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा था और उसे अदालत में पेश किया गया।

अदालत ने आरोपी के नाबालिग होने के मद्देनजर मामले को किशोर न्याय बोर्ड में कर दिया स्थानांतरित
आपको बता दें कि अदालत ने आरोपी के नाबालिग होने के मद्देनजर मामले को किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया। कुमार ने अदालत से कहा कि आरोपी के नाबालिग होने के बावजूद पिछली 7 और 8 फरवरी को लखनऊ पुलिस आयुक्त के फेसबुक पेज पर उसकी पहचान उजागर की गई, जिसके आधार पर कई समाचार पत्रों और समाचार चैनल ने खबर दी। पुलिस का यह कदम ‘‘पूरी तरह से गैरकानूनी'' और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ था।