राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विरोध स्वर हुए तेज, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य बोले- जाएंगे कोर्ट

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Feb, 2020 03:35 PM

opposition to ram mandir trust intensified disciples of shankaracharya

राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर दिया गया है। ऐसे में ट्रस्ट के विरोध करने वालों संतों की संख्या बढ़ती जा रही है। अयोध्या में राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने ट्रस्ट को लेकर नाराजगी जताई है। जिसके चलते संतों ने आपात बैठक बुलाई...

वाराणसीः राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर दिया गया है। ऐसे में ट्रस्ट के विरोध करने वालों संतों की संख्या बढ़ती जा रही है। अयोध्या में राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने ट्रस्ट को लेकर नाराजगी जताई है। जिसके चलते संतों ने आपात बैठक बुलाई है।

इसी कड़ी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी ट्रस्ट को लेकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि वह ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट में अपील करेंगे। अविमुक्तेश्वरानंद ने केंद्र सरकार पर कोर्ट की अवमानना कर ट्रस्ट बनाए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्रस्ट में शामिल संतों को लेकर आपत्ति जताई है।

इससे पहले राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने आरोप लगाया है कि अयोध्यावासी संत-महंतों का ट्रस्ट के माध्यम से अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं है। नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जो ट्रस्ट बना है, उसमें अयोध्यावासी संत-महंतों की अवहेलना की गई है।

वहीं राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि मैं नाम के लिए नहीं, काम के आंदोलन में सम्मिलित हुआ था। राम का काम होना चाहिए। राम का मंदिर बनना चाहिए। मेरा नाम हो या ना हो, काम होना चाहिए। मैं नाम के पीछे नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि मैंने तो 25 बार जेल के यातना सही है। मैंने मुलायम, अखिलेश, मायावती और कांग्रेस की लाठी-गोली सही है। अपमान सहा है। मैंने कभी नहीं कहा कि मेरा नाम रखा जाए। मैंने रामलला के लिए घर छोड़ा था पद के लिए नहीं। 
 

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