Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Oct, 2019 01:06 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि राजनीतिक फायदे के लिये विपक्षी दल एनसीआरबी द्वारा जारी अपराध के आंकड़ों को तोड़ मरोड़ का प्रस्तुत कर रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि राजनीतिक फायदे के लिये विपक्षी दल एनसीआरबी द्वारा जारी अपराध के आंकड़ों को तोड़ मरोड़ का प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष, खास तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा एवं अखिलेश यादव एनसीआरबी 2017 के अपराध आंकडों का समुचित अध्ययन किये बगैर राजनैतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों को समझने के लिये जनसंख्या के आधार पर अनुपात निकाला जाना चाहिए।
सिंह ने कहा कि जिन राज्यों की जनसंख्या अधिक है वहॉ पर अपराध भी अधिक घटित होते है। अपराध की स्थिति समझने के लिए क्राइम रेट एक अच्छा एवं विश्वसनीय संकेतक है। एनसीआरबी के मुताबिक क्राइम रेट को प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या के रूप में परिभाषित अपराध दर (क्राइम रेट) एक सार्वभौमिक वास्तविक संकेतक है। यह राज्य के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करता है यानी जिस प्रदेश में जनसंख्या अधिक होगी, वहां अपराध की संख्या भी अधिक होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रकार क्राइम रेट, ही अपराधों की सही स्थिति समझने के लिए वास्तविक संकेतक है। अपराध दर प्रदेश की प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर निकाली जाती है। योगी सरकार में महिलाओं की स्थिति काफी सुद्दढ़ हुई है। प्रदेश की महिलाएं स्वयं को पूर्व की अपेक्षा अधिक सुरक्षित महसूस कर रही है।