Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 01 Feb, 2023 05:08 PM

समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित देकर सबके निशाने पर आ गए हैं। खास बात ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। कई हिन्दू संगठन स्वामी प्रसाद मौर्य की जी...
बाराबंकी: समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित देकर सबके निशाने पर आ गए हैं। खास बात ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। कई हिन्दू संगठन स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ और सिर कलम करने पर इनाम रख चुके हैं। इसी कड़ी में मौर्य का सिर काटने वाले को 42 लाख रुपए के इनाम देने की घोषणा भी की गई है।

स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में बाराबंकी में हिंदू सुरक्षा सेवा ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने मौर्य का पुतला फूंकने से पहले पुतले को जूतों की माला पहनाई और जूतों से पुतले को पीटा भी गया। इसके बाद ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने चौराहे पर पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि हिंदू धर्म का अपमान वो बिल्कुल भी सहन नहीं करेंगे और जो भी स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटकर लाएगा उसे 42 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। हिंदू सुरक्षा सेवा ट्रस्ट के कार्यकर्ता रंजीत सिंह राणा का कहना है कि जो व्यक्ति स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काट के लाएगा हम उसको 42 लाख का इनाम देंगे।

इससे पहले भी कई हिंदू संगठनों ने श्री रामचरितमानस पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद मौर्य को जूते मारने और जीभ काटने पर इनाम रखा गया है। इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी प्रतिक्रिया दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा कि समस्त महिला समाज व शूद्रवर्ण के सम्मान की बात क्या किया, मानो पहाड़ टूट गया। जिन दंभी, पाखंडी, छद्मभेशी बाबाओं ने सिर काटने वालों को 21 लाख देने की घोषणा की थी, वही बाबा फोटो को तलवार से काटकर अपने शैतान होने की पुष्टि कर दी। अब इन्हें पलटी मार बाबा कहें या थूककर चाटने वाला हैवान।

क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने?
इन दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान से बबाल मचा हुआ है। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है, क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की चौपाई है। इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।