Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Mar, 2023 01:32 PM

वाराणसी (Varanasi) में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) ना केवल स्थानीय, बल्कि देश-विदेश के लाखों-करोड़ों शिवभक्तों (Shiv Devotees) के लिए भी आस्था का केंद्र है। जैसे ही सोमवार सुबह यह खबर आई कि जल्द ही भक्तों को बाबा विश्वनाथ (Baba...
वाराणसी(विपिन मिश्रा): वाराणसी (Varanasi) में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) ना केवल स्थानीय, बल्कि देश-विदेश के लाखों-करोड़ों शिवभक्तों (Shiv Devotees) के लिए भी आस्था का केंद्र है। जैसे ही सोमवार सुबह यह खबर आई कि जल्द ही भक्तों को बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के स्पर्श दर्शन के लिए 500-1000 रूपए तक ढीले करने पड़ सकते हैं, तो वैसे ही शिवभक्तों (Shiv Devotees) में कौतूहल मच गया। लेकिन दोपहर होते-होते मंदिर प्रशासन से लेकर मंदिर ट्रस्ट (Temple Trust) के जिम्मेदार लोगों ने स्पष्ट कर दिया कि ऐसा कोई निर्णय लिया ही नहीं गया है।
मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए किसी तरह की शुल्क की व्यवस्था नहीं की जा रही
आपको बता दें कि इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि भारत के अलग-अलग मंदिरों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया था। जिसकी ट्रस्ट की बैठक में चर्चा भी हुई थी कि बाकी मंदिरों में ऐसा शुल्क लगता है, लेकिन काशी विश्वनाथ में ऐसा नहीं है। अगर ऐसा कोई भी निर्णय आता है तो उसके बारे में बताया जाएगा। फिलहाल स्पर्श दर्शन के लिए किसी तरह की शुल्क की व्यवस्था नहीं की जा रही है।

बैठक में स्पर्श दर्शन को लेकर आए थे तीन पक्ष
मिली जानकारी के मुताबिक, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। भीड़ बढ़ने से लोगों को दर्शन कराना किसी चुनौती से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि बैठक में स्पर्श दर्शन को लेकर तीन पक्ष आए थे। जिसमें एक था कि स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी जाए। दूसरा पक्ष यह आया था कि न्यूनतम शुल्क रखकर भक्तों को स्पर्श दर्शन कराया जाए। तीसरा पक्ष था कि गरीब भक्तों को को कैसे स्पर्श दर्शन कराया जाए? इन्हीं पक्षों पर समिति के जरिए निर्णय होना है, लेकिन अभी तक किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में चर्चा हुई थी, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं आया है। उन्होंने आगे बताया कि स्पर्श दर्शन को लेकर 1-2 महीने में निर्णय ले लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क लगाने पर जहां एक ओर ज्यादातर श्रद्धालुओं ने आपत्ति जाहिर की तो वहीं एकाक लोगों ने इसके पक्ष में भी बोला।