Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Aug, 2022 02:46 PM
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और समुचित व्यवस्था का दावा करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रही है। आए दिन सरकारी अस्पतालों के लापरवाही के मामले सामने आते ही रहते हैं।
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और समुचित व्यवस्था का दावा करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रही है। आए दिन सरकारी अस्पतालों के लापरवाही के मामले सामने आते ही रहते हैं। ऐसा ही एक लापरवाही का मामला मुरादाबाद जिले से आया है। यहां सरकारी अस्पताल में हर बीमारी की एक ही दवा है। यहां के अस्पतालों में एंटी एलर्जी की दवा ही नहीं है। यहां एंटी एलर्जी के दवा की जगह बुखार की दवा दी जा रही है।
बताया जा रहा है कि ड्रग वेयर कारपोरेशन ने एक साल से एंटी एलर्जी की दवा की आपूर्ति नहीं की। सीधे कंपनियों से दवाई खरीदने के लिए और जिला स्तर पर आपूर्ति करने के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन बनाया है। वहीं, लखनऊ भी एंटी एलर्जी, सामान्य दर्द की दवा, मिर्गी रोगी की दवा का आपूर्ति नहीं कर रहा है। इस वजह से जिले भर के अस्पताल में दवाओं की कमी है। यहां वायरल फीवर, सर्दी खांसी, अन्य बीमारी में रोगियों को एंटी एलर्जी की दवा दी जाती है। जिले में हर साल एंटी एलर्जी की दस लाख गोली, सामान्य दर्द पांच लाख गोली, बरसात के मौसम में एक लाख क्लोरीन गोली की आवश्यकता होती है।
वहीं, क्लोरीन की गोली गांव में बांटी जाती है, जिससे ग्रामीण पानी में डाल देते हैं, इस दवा से डायरिया आदि का बचाव होता है। बताया रहा है कि सरकार का आदेश है कि चिकित्सक बाहर की दवा नहीं लिख सकते हैं। इस लिए चिकित्सक एंटी एलर्जी की दवा के स्थान पर रोगियों को बुखार की दवा पैरासिटा मोल दे रहे हैं। इसी तरह से सामान्य दर्द वाले रोगियों को अधिक पावर वाली गोली दी जा रही है। गरीब रोगी जब ठीक नहीं होते हैं प्राइवेट में अपना इलाज कराते हैं। इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन को एंटी एलर्जी समेत अन्य जरूरी दवाओं की आपूर्ति करने के लिए पत्र भेजा जा रहा है।