Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 20 Jul, 2021 08:10 PM
कहते हैं कि जिसने मोहब्बत की दूनिया में पांव रख दिया उसका फिर वहां से बाहर निकलना मुश्किल है। वह फिर केवल शिद्दत से उसे निभाता है। कुछ ऐसा ही प्रेम का
ललितपुरः कहते हैं कि जिसने मोहब्बत की दूनिया में पांव रख दिया उसका फिर वहां से बाहर निकलना मुश्किल है। वह फिर केवल शिद्दत से उसे निभाता है। कुछ ऐसा ही प्रेम का सच्चा रूप दिखा उत्तर प्रदेश के ललितपुर में। जहां एक युवक ने दोनों आंखों से नेत्रहीन युवती से शादी कर जीवन भर उसके साथ जीने की कसमें खाई। वहीं युवक के परिजन इस शादी के खिलाफ थे इसके बाद दूल्हा ने फैसला किया कि अकेला ही अपने दोस्तों के साथ खुशियों की बारात लेकर अपनी दुल्हनिया को लेने पहुंच गया। वहीं नाराज परिजनों को लेकर दूल्हे ने कहा कि वह बहुत जल्द ही सब ठीक कर देगा और अपने परिजनों को मना लेगा।
वहीं अपनी लाडली की बारात व उसके हमसफर को देख लड़की के परिजन और गांव वाले खुशियों से फूले न समाए। पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी संपन्न हुई जिसमें सभी रस्में मनाई गई इसके बेटी की विदाई कर दी। वहीं दूल्हे मोहन का कहना है कि वह दिन रात मेहनत करके पैसा कमा कर अपनी पत्नी की आंखों का इलाज कराएगा और उसकी जिंदगी में रोशनी लाएगा।
बता दें कि यह सुंदर मामला मड़ावरा तहसील के मदनपुर गांव का है। जहां दिव्यांग बब्बू रैकवार की पुत्री वन्दना जन्म से ही दोनों आंखों से नेत्रहीन हैं। पिता ने पुत्री के विवाह के लिए काफी कोशिश की, लेकिन किसी ने भी उसका हाथ नहीं थामा। इसके चलते पिता पुत्री को डोली में बैठा कर विदा करने की उम्मीद ही छोड़ चुका था। दरअसल मोहन मध्य प्रदेश के सागर जिले के मड़ावन गांव का है और पेशे से कारीगर है। उसका कहना है कि वन्दना को उसने एक महीने पहले देखने आया था। उसे एक ही नजर में वन्दना से प्यार हो गया।