Maghi Purnima: 37 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी, 18 फरवरी को होगा अंतिम स्नान

Edited By Mamta Yadav,Updated: 05 Feb, 2023 11:24 PM

maghi purnima 37 lakh devotees took holy dip

दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला के पवित्र माघी पूर्णिमा स्नान पर रविवार को करीब 37 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान प्रशासन ने मेला क्षेत्र में बेहतर तैयारी और व्यवस्था की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी...

प्रयागराज: दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला के पवित्र माघी पूर्णिमा स्नान पर रविवार को करीब 37 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान प्रशासन ने मेला क्षेत्र में बेहतर तैयारी और व्यवस्था की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी देशवासियों को माघी पूर्णिमा की हार्दिक बधाई दी है।   

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि माघी पूर्णिमा पर देश दुनिया से पहुंचे करीब 37 लाख श्रद्धालुओं ने पुण्यकाल में आस्था की डुबकी लगाकर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त किया। मौसम खुशनुमा और रविवार का अवकाश होने से पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अंत:सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के संगम तट पर आस्था का समन्दर हिलोरे मार रहा था। दोपहर बाद त्रिवेणी तट पर भारी भीड़ उमड़ी।  गंगा, यमुना और अद्दश्य सरस्वती के संगम तट पर आघी रात के बाद से श्रद्धालुओं का हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से पूरा मेला गुंजायमान रहा। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शनिवार की रात संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। माघ मेले के पांचवें स्नान पर्व पर हर तरफ से रेला उमड़ पड़ा। संगम समेत गंगा के घाटों पर आधी रात के बाद से ही डुबकी लगाने लगे। माघ मेले का अंतिम स्नान 18 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। उसके बाद मेले का समापन हो जाएगा। माह भर की साधना संयम, श्रद्धा और कायाशोधन का कल्पवास के बाद कल्पवासी स्नान के बाद मां गंगा से अगले वर्ष वापस आने का अनुनय विनय के बाद बिदा ले रहे हैं। कल्पवास पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघी पूर्णिमा के साथ संपन्न होती है।      

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आखिरी डुबकी लगाने के साथ ही कल्पवासी विदा होने लगे। काली घाट, राम घाट, ओल्ड जीटी, महावीर घाट के अलावा संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। देर रात लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच चुके थे। इसी के साथ डुबकी भी लगने लगी। भोर में कल्पवासियों समेत श्रद्धालुओं का रेला निकलने लगा। माघी पूर्णिमा पर माघ मेले के साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था को भी सुचारू बनाए रखने के इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत मेले से कल्पवासियों की वापसी के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। विभिन्न दिशाओं की ओर जाने वाले कल्पवासियों के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। कानपुर, लखनऊ और रीवा की तरफ जाने वाले कल्पवासियों को पांटून पुल नंबर चार से गंगा भवन तिराहा, दारागंज होते हुए मेला क्षेत्र से बाहर भेजा जाएगा। इसी तरह वाराणसी, जौनपुर की तरफ जाने वाले कल्पवासी काली सड़क, टीकरमाफी आश्रम से जाएंगे। इसके अलावा पुल नंबर दो से भी त्रिवेणी मार्ग, फोर्ट रोड चौराहे होते हुए नगर क्षेत्र से कल्पवासियों को बाहर भेजने की व्यवस्था की गयी है। माघी पूर्णिमा पर्व पर देशभर से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ख्याल रखा गया था। मेला क्षेत्र में पीएसी की 10 कंपनियां तैनात हैं।

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मेला क्षेत्र में एंटी टेररिस्ट स्कवायड और स्पेशल टास्क फोर्स के कमांडो मुस्तैद किए गए हैं। आस-पास के इलाके में खुफिया तंत्र का जाल बिछाया गया है। डेढ़ सौ से ज्यादा सीसीटीवी के अलावा ड्रोन कैमरों से भी माघ मेला के हर कोने पर संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। ज्यातिषियों के अनुसार माघी पूर्णिमा शनिवार की रात 9.30 बजे ही लग गई थी। रविवार की रात 11:58 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। ऐसे में उदया तिथि में रविवार को ही माघी पूर्णिमा स्नान की मान्यता है। इस बार माघी पूर्णिमा पुष्य नक्षत्र में आरंभ हो रही है। रविवार को दिन में 10:45 से 12:12 बजे तक रवि पुष्य योग है। ऐसे में आयुष्मान , सौभाग्य और सर्वार्थ सिद्धि योग से युक्त माघी पूर्णिमा में पुण्य की डुबकी हर कामनाओं को पूर्ण करने वाली है।

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