Edited By Anil Kapoor,Updated: 25 Jan, 2023 10:33 AM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में मंगलवार शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। जहां लखनऊ के हजरतगंज इलाके में एक बहुमंजिला इमारत (Building Accident) के ढहने से मलबे (Debris) में दबकर कई लोग गंभीर रूप से घायल (Injured)...
लखनऊ(अश्वनी सिंह): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में मंगलवार शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। जहां लखनऊ के हजरतगंज इलाके में एक बहुमंजिला इमारत (Building Accident) के ढहने से मलबे (Debris) में दबकर कई लोग गंभीर रूप से घायल (Injured) हो गए। एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF) और सेना की टीमों ने बुधवार तड़के तक बचाव अभियान चलाया, सावधानी से मलबे (Debris) को हटाया और फंसे हुए निवासियों को बाहर निकाला। रेस्क्यू करने में लगी टीमों ने कम से कम 14 घायल (Injured) लोगों को बाहर निकाल लिया और इलाज के लिए अस्पताल (Hospital) भेज दिया। हादसे के बाद आसपास की इमारतों में भी दरारें आ गई हैं। घायलों को लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
14 को बचाया गया 4 के फंसे होने की आशंका
जानकारी के मुताबिक, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि अभी भी करीब 4 लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि बचाए गए लोगों को समय पर चिकित्सा सहायता दी गई और मलबे में फंसे लोगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार स्थिति का अपडेट लेते रहे।
इमारत के गिरने के कारणों की जांच की जाएगी: प्रसाद
प्रसाद ने कहा कि यह घटना शाम करीब 7 बजे हुई, जिसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हजरतगंज इलाके में रिहायशी इमारत-अलियाह अपार्टमेंट-के गिरने के कारणों का तत्काल पता नहीं चल सका है, प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि इमारत की पार्किंग में निर्माण कार्य चल रहा था। इस बिल्डिंग में टॉप फ्लोर पर 12 फ्लैट और दो पेंटहाउस थे। प्रसाद ने कहा कि गिरावट के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।
हादसे में घायल हुए लोगों को पर्याप्त उपचार मुहैया कराया जाए: योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि घायलों को पर्याप्त उपचार मुहैया कराया जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश भी जारी किए हैं। पुलिस महानिदेशक डी.एस. चौहान ने कहा कि जब इमारत गिरी तब 8 परिवार अंदर थे। हमारे अनुमान के मुताबिक, 30-35 लोगों को (फंस) जाना चाहिए। बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ सेना के जवानों को तैनात किया गया है, जो रात भर जारी रहा। एनडीआरएफ, पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर मौजूद हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।