Edited By Umakant yadav,Updated: 16 Jul, 2020 05:43 PM
उतर प्रदेश सरकार ने उन परिवार के पुनर्वास के वास्ते 48 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की है जो जेवर में बनने जा रहे हवाई अड्डे से विस्थापित होंगे। परियोजना दस्तावेज के अनुसार गौतमबुद्धनगर...
नोएडा: उतर प्रदेश सरकार ने उन परिवार के पुनर्वास के वास्ते 48 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की है जो जेवर में बनने जा रहे हवाई अड्डे से विस्थापित होंगे। परियोजना दस्तावेज के अनुसार गौतमबुद्धनगर के जेवर में ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के कारण 3600 से अधिक परिवारों के विस्थापित होने की संभावना है।
जमीन के विकास पर 240 करोड़ रूपये खर्च का अनुमान
अधिकारियों के अनुसार जेवर बांगर में जमीन के विकास पर 240 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का अनुमान है। इस टाउनशिप में विकसित भूकंप, स्ट्रीट लाइट, पानी की सुविधा, डाकघर और अन्य नागरिक सुविधाएं होंगी जो भूमि अधिग्रहण,पुनर्वास उचित भरपाई अधिकार (आरएफसीटीएलएआरआर) अधिनियम, 2013 के तहत अनिवार्य है।
अधिग्रहीत जमीन से विस्थापित होने जा रहे परिवारों का मार्ग प्रशस्त
उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव एस पी गोयल ने ट्वीट किया ‘‘ आरएफसीटीएलएआरआर अधिनियम की धारा 19 (ए) के तहत करीब 48 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की गयी है और जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहीत जमीन से विस्थापित होने जा रहे परिवारों के पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त किया गया है।’’
पहले चरण के निर्माण के लिए इन क्षेत्रों की जमीन अधिग्रहीत
अधिकारियों के अनुसार इस परियेाजना के 4588 करोड़ रूपये पहले चरण के निर्माण के लिए इस क्षेत्र में रोही, दयंतपुर, किेशोरपुर, रनहेरा, परोही और बांवरी बांस गावों में 1334 हेक्टयर जमीन अधिग्रहीत की गयी है। परियोजना दस्तावेजों के अनुसार इस परियोजना से इन गांवों के 8,971 परिवार प्रभावित होंगे और 3,627 परिवार विस्थापित होंगे।
जेवर देश का सबसे बड़ा होगा हवाई अड्डा
जानकारी अनुसार जेवर देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा और 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा। इसके निर्माण पर 29560 करोड़ रूपये का खर्च आने का अनुमान है।