Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Oct, 2019 12:19 PM
क्या ढाई सेंटीमीटर की दिखने वाली मछली डेंगू, मलेरिया तथा दिमागी बुखार जैसी बीमारियों से बचा सकती है। आमतौर पर सबका जवाब नहीं होगा लेकिन उत्तर प्रदेश के इस ज़िले से इसकी शुरुआत हो चुकी...
लखीमपुर: क्या ढाई सेंटीमीटर की दिखने वाली मछली डेंगू, मलेरिया तथा दिमागी बुखार जैसी बीमारियों से बचा सकती है। आमतौर पर सबका जवाब नहीं होगा लेकिन उत्तर प्रदेश के इस ज़िले से इसकी शुरुआत हो चुकी है। जहां अब मच्छरों को ढाई सेंटीमीटर की मछली पनपने नहीं देगी।
दरअसल सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल की पहल पर शुरू हुए गम्बूजिया मछली पालन के बाद अब यह मछली मच्छरों को खाने के लिए तैयार है साथ ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों पर रोकथाम लगने वाली है।
जानकारी मुताबिक सीएमओ बंगले के पीछे बने तालाब में पिछले महीनों में गम्बूजिया मछली को तैयार करने की शुरुआत हुई थी। जो अब यह मच्छरों के लार्वा को खाने वाली छोटी मछली तैयार हो चुकी है। पिछले कई सालों से मच्छर जनित बीमारियों के चलते ज़िले में कई दर्जन मौतें और सैकड़ों बीमार सामने आए थे। यह मच्छरजनित बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए सिरदर्द बन चुकी थी।
इसी को लेकर सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने पहल की और इस खास मछली के उत्पादन के लिए मत्स्य विभाग का सहयोग लिया। जिसके चलते इस छोटी सी मछली को तैयार किया जा सका। जिसे शुरुआती चरण में ज़िले के 200 तालाबों में छोड़ा जाएगा जहां मच्छर जनित बीमारियां अधिक फैलती हैं। उत्तर प्रदेश में यह पहला ज़िला है जहां इस मछली से इतना बड़ा काम लिया जाने वाला है। उम्मीद यही जताई जा रही है कि यह छोटी सी मछली बड़ा काम कर दिखाएगी।