Edited By Ramkesh,Updated: 18 Oct, 2024 02:27 PM
उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन से जुड़े एक मामले में विधायक अब्बास अंसारी को शुक्रवार को जमानत दे दी। हालांकि अब्बास अंसारी के खिलाफ चार सितंबर को लगाए गए गैंगस्टर एक्ट और जेल मे अवैध मुलाकात के दर्ज मुकदमे मे जमानत नहीं मिलने की वजह से अब्बास जेल से...
लखनऊ: उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन से जुड़े एक मामले में विधायक अब्बास अंसारी को शुक्रवार को जमानत दे दी। हालांकि अब्बास अंसारी के खिलाफ चार सितंबर को लगाए गए गैंगस्टर एक्ट और जेल मे अवैध मुलाकात के दर्ज मुकदमे मे जमानत नहीं मिलने की वजह से अब्बास जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। अब्बास अंसारी, गैंगस्टर और राजनेता एवं पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं। मुख्तार अंसारी की कुछ महीने पहले जेल में मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति एम. एम, सुंदरेश और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने अंसारी को धनशोधन के मामले में राहत दी।
जांच में सहयोग करने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने 14 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर अंसारी की उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए अंसारी को जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट से अब्बास अंसारी को दो मामले में आज मिली जमानत, बावजूद इसके वह जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि उसके ऊपर गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज है और सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में जमानत की मांग के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है।
गैंगस्टर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की दी सलाह
हालांकि अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने चार सितम्बर को दर्ज गैंगस्टर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत देने की मांग की थी। जिसको ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए हाईकोर्ट जाने को कहा। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दे दिया कि वह गैंगस्टर मामले मे जमानत की मांग पर चार हफ्ते मे सुनवाई पूरी करने का प्रयास करे।
कासगंज जेल में बंद हैं अब्बास अंसारी
उच्च न्यायालय ने अंसारी की जमानत याचिका नौ मई को खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘फ्लो चार्ट' सहित रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से स्पष्ट रूप से धन के स्रोत का पता चलता है और इससे भी यह भी ज्ञात होता है कि आरोपी अंसारी के खातों में धन कैसे पहुंचा, इसलिए अदालत को लगता है कि वह इस स्तर पर जमानत के हकदार नहीं हैं। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि दो कंपनियों मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन और मेसर्स आग़ाज़ के साथ अंसारी के धन के लेनदेन के संकेत हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि अंसारी ने धन शोधन के लिए इन कंपनियों का इस्तेमाल किया। ईडी ने पिछले तीन मामलों के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून, 2002 के तहत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अंसारी पर चार नंवबर 2002 को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से विधायक अंसारी अभी कासगंज जेल में हैं।