Edited By Mamta Yadav,Updated: 23 Jan, 2023 01:09 PM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कानुपर (Kanpur) के चर्चित बिकरू कांड (Bikaru Case) में आरोपी खुशी दुबे (Khushi Dubey) जेल से रिहा होने के बाद सोमवार को चौबेपुर थाने पहुंच पहली हाजिरी लगाई। इस दौरान खुशी की मां भी उनके साथ मौजूद रहीं। 11 बजकर 15मिनट...
कानपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कानुपर (Kanpur) के चर्चित बिकरू कांड (Bikaru Case) में आरोपी खुशी दुबे (Khushi Dubey) जेल से रिहा होने के बाद सोमवार को चौबेपुर थाने पहुंच पहली हाजिरी लगाई। इस दौरान खुशी की मां भी उनके साथ मौजूद रहीं। 11 बजकर 15मिनट पर वह चौबेपुर थाने पहुँची। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने खुशी को इस शर्त के साथ जमानत दी है कि उसे प्रत्येक सप्ताह के पहले दिन यानि सोमवार को चौबेपुर थाने में हाजिरी देनी होगी।

जानिए क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि दो जुलाई 2022 की रात को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गैंग के साथ मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई थी। इसमें एक पुलिस उपाधीक्षक भी शामिल थे। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने चार जुलाई को चौबेपुर थाने के प्रभारी को निलंबित कर दिया। इसी दिन अधिकारियों की टीम ने गांव में पहुंचकर गैंगस्टर के घर को ढहाना शुरू कर दिया। पुलिस ने दुबे के साथी दया शंकर अग्निहोत्री को कल्याणपुर (कानपुर) से गिरफ्तार कर लिया। अग्निहोत्री को मुठभेड़ के बाद पांच जुलाई को तड़के गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अग्निहोत्री के पैर में गोली मारी थी। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम था।

सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को दी जमानत
बता दें कि बिकरू कांड में पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे से अधिक खुशी दुबे सुर्खियों में रही। दरअसल, विकास के भतीजे अमर दुबे के साथ बिकरू कांड से दो दिन पहले ही खुशी की शादी हुई थी। जिसके बाद आठ जुलाई 2020 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर हत्या, साजिश, विस्फोटक अधिनियम जैसे गंभीर आरोपों में जेल भेजा था। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर की थी। 30 महीने बाद जेल से रिहा होकर शनिवार रात वह अपने घर पहुंची।