Edited By Purnima Singh,Updated: 17 Jan, 2025 05:57 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के तलाक से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तलाक के मामले में अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी देते हुए कहा कि केवल पत्नी की शराब पीने की आदत को पति के खिलाफ क्रूरता नहीं माना जा सकता है। जब तक कि वो नशे की हालत...
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के तलाक से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तलाक के मामले में अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी देते हुए कहा कि केवल पत्नी की शराब पीने की आदत को पति के खिलाफ क्रूरता नहीं माना जा सकता है। जब तक कि वो नशे की हालत में पति के साथ अभद्र या अनुचित व्यवहार न करे। हालांकि अदालत ने दोनों को तलाक की अनुमति दे दी है।
दरअसल पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी शराब पीती है और रात को अपने दोस्तों के साथ समय बिताती है। ऐसे में दोनों कई सालों से एक दूसरे से अलग रह रहे थे। इसलिए अदालत ने परित्याग के आधार पर उन्हें तलाक की इजाजत दे दी। बता दें कि रिकॉर्ड में भी ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आए हैं जिससे ये साबित होता हो सके कि शराब पीने की वजह से पत्नी ने पति के साथ कोई क्रूरता या अभद्रता की हो।
गौरतलब हो कि याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में पत्नी पर क्रूरता और उन्हें छोड़कर जाने का आरोप लगाया था और तलाक की मांग की थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की डिविज़न बेंच ने कहा कि क्रूरता और परित्याग दोनों मामले एक दूसरे से एकदम अलग है।