मरकर भी World Record बना गई 3 साल की बच्ची, संथारा लेकर 10 मिनट बाद त्यागे प्राण.....

Edited By Purnima Singh,Updated: 09 May, 2025 07:24 PM

a 3 year old girl made a record even after dying

मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बहुत ही हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही तीन साल की बच्ची को ‘‘संथारा'' व्रत ग्रहण कराए जाने का मामला सामने आया है.......

UP Desk : मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बहुत ही हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही तीन साल की बच्ची को ‘‘संथारा'' व्रत ग्रहण कराए जाने का मामला सामने आया है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इस लड़की के नाम विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र भी जारी किया है। 

जैन मुनि की प्रेरणा से कराया संथारा व्रत 
बता दें कि ‘संथारा' जैन धर्म की प्राचीन प्रथा है। जिसके तहत कोई व्यक्ति अपने अंतिम समय का आभास होने पर मृत्यु का वरण करने के लिए अन्न-जल और सांसारिक वस्तुएं त्याग देता है। लड़की के माता-पिता आईटी क्षेत्र में काम करते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने एक जैन मुनि की प्रेरणा से अपनी इकलौती संतान को संथारा व्रत दिलाने का फैसला किया।    

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जनवरी में ब्रेन ट्यूमर का पता चला 
इस व्रत से प्राण त्यागने वाली तीन साल की बच्ची वियाना जैन के पिता पीयूष जैन ने बताया,‘‘मेरी बेटी को इस साल जनवरी में ब्रेन ट्यूमर होने का पता चला था। हमने उसकी सर्जरी कराई थी। सर्जरी के बाद उसकी सेहत में सुधार हुआ, लेकिन मार्च में उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उसे खाने-पीने में भी दिक्कत होने लगी थी।'' 21 मार्च की रात वह अपनी बेहद बीमार बेटी को परिजनों के साथ जैन संत राजेश मुनि महाराज के पास दर्शन के लिए ले गए थे। महाराज जी ने मेरी बेटी की हालत देखी। उन्होंने हमसे कहा कि बच्ची का अंतिम समय नजदीक है और उसे संथारा व्रत दिला देना चाहिए। जैन धर्म में इस व्रत का काफी महत्व है। हम सोच-विचार के बाद इसके लिए राजी हो गए।'' 

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विश्व कीर्तिमान का मिला प्रमाण पत्र
बच्ची के पिता ने बताया कि जैन संत द्वारा संथारा के धार्मिक विधि-विधान पूरे कराए जाने के चंद मिनटों में ही उनकी बेटी ने प्राण त्याग दिए थे। आईटी पेशेवर पीयूष जैन ने यह भी बताया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उनकी बेटी के नाम विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र जारी किया है। जिसमें उसे ‘‘जैन विधि-विधान के मुताबिक संथारा व्रत ग्रहण करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की शख्स'' बताया गया है।

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'वियाना को इस हालत में देखना बेहद पीड़ादायी था'
वियाना की मां वर्षा जैन ने कहा- ‘‘मैं शब्दों में नहीं बता सकती कि मेरी बेटी को संथारा व्रत ग्रहण कराने का फैसला हमारे परिवार के लिए कितना मुश्किल था। मेरी बेटी ब्रेन ट्यूमर के कारण काफी तकलीफ झेल रही थी। उसे इस हालत में देखना मेरे लिए बेहद पीड़ादायी था।'' अपनी दिवंगत बेटी की याद में भावुक मां ने कहा- ‘‘मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी उसके अगले जन्म में हमेशा खुश रहे।'' 

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