Loksabha Election 2024: कांग्रेस का गढ़ रहा हरदोई कैसे बना BJP का मजबूत किला, क्या मोदी लहर में दोबारा चल पाएगी साइकिल ?

Edited By Imran,Updated: 02 Apr, 2024 02:14 PM

how hardoi which was a stronghold of congress became a strong fort of bjp

हरदोई लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है। साल 1957 में अस्तित्व में आई इस सीट पर भारतीय जनसंघ जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी, लेकिन 1957 में ही हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट छीन ली और 1977 तक इस सीट पर कब्जा जमाए रखा। वहीं...

Loksabha Election 2024: हरदोई लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है। साल 1957 में अस्तित्व में आई इस सीट पर भारतीय जनसंघ जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी, लेकिन 1957 में ही हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट छीन ली और 1977 तक इस सीट पर कब्जा जमाए रखा। वहीं इमरजेंसी खत्म होने के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ा।
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आपको बता दें कि हरदोई सीट से कांग्रेस अब तक 6 बार चुनाव जीतने में सफल रही है, जबकि चार बार भाजपा ने यहां जीत का परचम लहराया है। वहीं सपा भी 3 बार ये सीट अपनी झोली में डाल चुकी है। अगर बात पिछले दो लोकसभा चुनाव की करें तो 2014 और 2019 में बीजेपी ने यहां जीत का परचम लहराया था। 2019 में बीजेपी के जयप्रकाश रावत ने यहां से जीत दर्ज की थी। हरदोई लोकसभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है। फिलहाल यह क्षेत्र नरेश अग्रवाल और उनके परिवार के दबदबे की वजह से जाना जाता है। अब नरेश अग्रवाल बीजेपी के साथ हैं और उनके बेटे नितिन अग्रवाल योगी सरकार में मंत्री हैं।

हरदोई लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें
हरदोई लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल  5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें सवायजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ और सांडी विधानसभा सीट शामिल हैं। 
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2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी दलों को धूल चटाते हुए पांचों सीटों पर जीत दर्ज की थी।

 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या 
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एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हरदोई सदर सीट पर साल 2019 में हुए चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर बीजेपी के जय प्रकाश ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी के जयप्रकाश को कुल  5 लाख 68 हजार 143 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर सपा की उषा वर्मा रही। जिन्हें कुल 4 लाख 35 हजार 669 वोट मिल। वहीं तीसरे नंबर कांग्रेस के वीरेंद्र कुमार रहे। जिन्हें कुल 19 हजार 972 वोट मिले।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अब एक नजर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो। साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के अंशुल वर्मा ने 3 लाख 60 हजार 501 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं बसपा के शिव प्रसाद वर्मा 2 लाख 79 हजार 158 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे..जबकि सपा की ऊषा वर्मा 2 लाख 76 हजार 543 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं थी।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2009 की चुनाव की बात करें तो सपा की ऊषा वर्मा ने 2 लाख 94 हजार 30 वोटों के साथ अपना परचम लहराया था। वहीं बसपा के रामकुमार कुरील 2 लाख 1 हजार 95 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी की पूर्णिमा वर्मा को सिर्फ 54 हजार 115  वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहीं थी।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अब अगर बात साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव की करें तो हरदोई सदर लोकसभा सीट से सपा की ऊषा वर्मा ने 2 लाख 03 हजार 445 वोटों के साथ अपना परचम लहराया था। वहीं बसपा के शिव प्रसाद वर्मा 1 लाख 64 हजार 242 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी की अनिता वर्मा को 1 लाख 16 हजार 473 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहीं थी।

हरदोई संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है। यहां पर पासी बिरादरी के वोटर्स चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। इनके अलावा अगड़ी और पिछड़ी जातियों की भी पकड़ है। यहां की पिछड़ी जातियों में कुर्मी, गड़रिया, यादव और कहार बिरादरी भी अच्छी संख्या में हैं। बात अगर 2024 के लोकसभा  चुनाव की करें तो इस बार बीजेपी ने फिर से जय प्रकाश रावत पर भरोसा जताया है..जबकि इंडिया गठबंधन से सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा मैदान में हैं। 

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