हाईकोर्ट का फैसलाः जरुरत पड़ने पर ही काटे जाएं पेड़, एक काटें तो दो लगाएं

Edited By Pooja Gill,Updated: 24 Nov, 2022 03:26 PM

high court s decision trees should be cut

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवर हेड टैंक के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने पर एक बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने यह आदेश दिया है कि, अगर किसी काम के लिए पेड़ काटने...

लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवर हेड टैंक के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने पर एक बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने यह आदेश दिया है कि, अगर किसी काम के लिए पेड़ काटने की जरुरत पड़े तो ही पेड़ काटे जाए, लेकिन अगर पेड़ काटने की आवश्यकता न हो तो पेड़ नहीं काटे जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि पेड़ काटने से पहले वन विभाग की अनुमति लेनी होगी। वहीं, अदालत ने एक पेड़ काटने पर दो पेड़ लगाने के भी निर्देश दिए है।

बता दें कि पेड़ काटने की आवश्यकता को लेकर यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है। यह निर्देश कोर्ट ने अनिल कुमार की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में उस प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी जिसके तहत सीतापुर जिले के बरगवां गांव में जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवर हेड टैंक के निर्माण के लिए एक जमीन को चिह्नित की गई है। याची की ओर से दलील दी गई थी कि उस जमीन पर काफी मात्रा में पेड़ लगे हुए हैं और निर्माण के लिए उन पेड़ों को काट दिया जाएगा।

पेड़ के बदले पेड़ लगाने का निर्देश- HC
अनिल कुमार की ओर से दाखिल याचिका पर राज्य सरकार की ओर से भी जवाब दिया गया कि, उस जमीन से अब तक एक नीम, तीन चिलवाल और एक बड़हल का पेड़ हटाया गया है जो लगभग दो साल पुराने थे। इसके अलावा अब तक कोई पेड़ नहीं गिराया गया है और न ही निर्माण कार्य के लिए कोई अन्य पेड़ गिराए जाने की आवश्यकता है। कोर्ट की तरफ से इस जवाब के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए आदेश दिया कि यदि किसी भी पेड़ को हटाने के बाद उसकी जगह दो पेड़ लगाए जाएगे। 

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