राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के विकास के लिए सरकार कटिबद्ध: CM योगी

Edited By Umakant yadav,Updated: 04 Nov, 2020 01:20 PM

government committed development of national education policy 2020 cm

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। योगी ने मंगलवार देर शाम अपने सरकारी आवास पर शिक्षाविदों के साथ बातचीत में कहा कि वर्ष...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। योगी ने मंगलवार देर शाम अपने सरकारी आवास पर शिक्षाविदों के साथ बातचीत में कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1.34 करोड़ विद्यार्थी अध्ययनरत थे जबकि सरकार के प्रयास से वर्तमान में 1.80 करोड़ विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पिछले तीन सालों में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या में लगभग 50 लाख की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के 1.58 लाख विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को आपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सुद्दढ़ किया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है। परिषद के इन स्कूलों में विद्यार्थियों को यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, पुस्तकें, जूता-मोजा, स्वेटर आदि नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। कोविड-19 के बावजूद छात्र-छात्राओं को घर जाकर यूनीफॉर्म उपलब्ध करायी जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की व्यवस्था को सुद्दढ़ और सुचारु बनाने के लिए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। सरकार ने पहली बार प्राथमिक शिक्षण व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिये महानिदेशक बेसिक शिक्षा का पद सृजित किया गया है।       

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास करके माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को भी बेहतर बनाया गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित की जाने वाली बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन बनाया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है। हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं को सीमित समयावधि में सम्पन्न कराकर परीक्षा फल भी घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को सुद्दढ़ करने के लिए भी प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर कदम उठाए गए हैं। निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए एक्ट बनाया गया है। शिक्षा से जुड़े सभी विभागों में शिक्षकों के निष्पक्ष और पारदर्शी चयन के लिए शिक्षा सेवा आयोग का गठन प्रक्रियाधीन है।

योगी ने कहा कि प्रदेश में व्यावसायिक और औपचारिक शिक्षा को जोड़ने के लिए कार्य किया गया है। इस उद्देश्य से यू-राइज पोटर्ल प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों को सभी जनपदों में स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों से जोड़ा गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों से जुड़े हुए हैं। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से विकासखण्डों में एफ0पी0ओ0 के गठन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक जनपद-एक उत्पाद योजना के माध्यम से सभी जनपदों के विशिष्ट उत्पादों की तकनीक, डिजाइन, मार्केटिंग, ब्राण्डिंग आदि में सहायता की जा रही है।

उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से परम्परागत हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण, टूल किट एवं बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया है। माटी कला बोर्ड के माध्यम से मिट्टी के कारीगरों की कला को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों की हर स्तर पर स्किल मैपिंग करायी गयी है। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में 40 लाख से अधिक श्रमिक अन्य राज्यों से आए। इनकी स्किल मैपिंग करते हुए इन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़ा गया है।

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