Edited By Ramkesh,Updated: 15 Jun, 2021 07:21 PM
बीएसपी से निलंबित चल रहे कद्दावर नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने की अटकलों को खारिज किया है।उनका कहना है कि मेरी पार्टी बदलने को लेकर न किसी से मुलाकात हुई है न बात हुई है।उनकी माने तो वह...
हाथरस:बीएसपी से निलंबित चल रहे कद्दावर नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने की अटकलों को खारिज किया है।उनका कहना है कि मेरी पार्टी बदलने को लेकर न किसी से मुलाकात हुई है न बात हुई है।उनकी माने तो वह बीएसपी से निलंबित है निष्कासित नहीं है। उन्होंने कहा पार्टी बदलने का निर्णय सबसे बात करके फिर लेंगे।
बता दें कि वर्तमान में जिले की सादाबाद सीट से विधायक रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय बीजेपी प्रत्याशी के रूप में हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मैदान में है।वह 2000 तथा 2005 में हाथरस जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।और 2009 में आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट से बीएसपी सांसद रही हैं। रामवीर उपाध्याय का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पार्टीगत चुनाव नहीं होता है। इसमें साम दाम दंड भेद सभी नीति अपनाई जाती है।
गौरतलब है कि बसपा के सात विधायकों को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने निलंबित कर दिया था। उन पर राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन का विरोध करने का आरोप लगा था। निलंबित किये जाने वाले विधायकों में चौधरी असलम अलीर, हरगोविंद भार्गव, मोहम्मद मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिमलाल बिंद, मोहम्मद असलम राएनी, सुषमा पटेल और वंदना सिंह शामिल थीं । वहीं बीते दिन बसपा के कद्दावार नेता विधानसभा में नेता लालजी वर्मा और अकबरपुर के विधायक राम अचल राजभर को पार्टी से निकाल ने निकाल दिया है। इसके बाद से उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सियासत तेज हो गई है।