Edited By Ramkesh,Updated: 23 Jul, 2025 06:48 PM

गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ कर गंभीर आरोप लगाए जिसके बाद सियासत गरमा गई है। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए ही सीएम योगी पर तंज कसा है।
लखनऊ: गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ कर गंभीर आरोप लगाए जिसके बाद सियासत गरमा गई है। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए ही सीएम योगी पर तंज कसा है। उन्होंने घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि गोरखपुर से महिला पुलिस रिक्रूट्स के ट्रेनिंग सेंटर की बदइंतजामी के दुर्भाग्यपूर्ण समाचार आ रहे हैं। न बिजली है, न पानी, न गरिमापूर्ण स्नानालय। जब मुख्य नगरी का ये हाल है तो शेष का क्या कहना। नारी वंदना भाजपा का जुमला है। हालांकि ट्रेनी महिला सिपाहियों के आरोप और वीडियो वायरल होते ही विभाग में हड़कंप मच गया। हंगामे की सूचना पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनर और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
महिला सिपाहियों को समझा कर मामले को आईजी कराया शांत
आईजी पीएसी मध्य जोन ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 26वीं बटालियन पीएसी, गोरखपुर में नियुक्त रिक्रूट महिला आरक्षियों द्वारा व्यक्त की गई समस्याओं के निराकरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया महिलाओं के बाथरूम में कैमरे की घटना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी समस्या के कारण बिजली की समस्या थी उसे बात कर दूर करा दिया गया है। आईजी पीएसी मध्य ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्य में से कुछ लोगों के द्वारा तथ्य हीन खबरें चलाई जा रही है। इस पर निगरानी की जा ही है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अविवाहित महिला रिक्रूटर्स के प्रेग्नेंसी टेस्ट के बाद से बवाल
गोरखपुर पीटीएस में महिला रिक्रूट की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई। उससे पहले उनके स्वास्थ्य की जांच होनी थी। इसी बीच डीआईजी रोहन पी ने प्रेग्नेंसी जांच कराने का भी निर्देश जारी कर दिया। इसके लिए CMO को पत्र लिख मेडिकल टीम बुलाई गई। इस आदेश से हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी होते ही आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने डीआईजी का आदेश निरस्त कर दिया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि किसी महिला आरक्षी की जांच नहीं कराई जाएगी। यदि कोई रिक्रूट प्रेग्नेंट है तो वह स्वयं शपथ पत्र देकर बाद के बैच में जा सकती।
यह कहता है नियम
शादीशुदा आरक्षी की जांच होती है, जबकि अविवाहित युवतियों को एक शपथ पत्र देना होता है कि वे प्रेग्नेंट नहीं हैं। जो प्रेग्नेंट होती हैं तो उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है। उनकी ट्रेनिंग बाद में कराई जाती है।
गौरतलब है कि गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार हंगामा कर दिया। करीब 600 महिला सिपाही रोती-चिल्लाती ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ गईं। उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। एक ट्रेनी महिला सिपाही ने कहा- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हुए हैं। हमारे वीडियो बन गए। लड़कियों ने आरोप लगाए कि ट्रेनिंग सेंटर में 360 लोगों के रहने का इंतजाम है। लेकिन यहां 600 लड़कियां रह रहीं हैं। फिलहाल विभाग ने ट्रेनी महिला सिपाहियों को समझा बुझाकर शांत करा दिया है।