Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Jul, 2025 01:59 PM

Azamgarh News: हम सभी ने बचपन में श्रवण कुमार की कहानी जरूर सुनी होगी जिसने अपने बूढ़े, अंधे माता-पिता को कंधे पर बैठाकर तीर्थ यात्रा कराई थी। कुछ वैसा ही मार्मिक दृश्य उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में भी देखने को मिला, जब एक दिव्यांग व्यक्ति अपनी...
Azamgarh News: हम सभी ने बचपन में श्रवण कुमार की कहानी जरूर सुनी होगी जिसने अपने बूढ़े, अंधे माता-पिता को कंधे पर बैठाकर तीर्थ यात्रा कराई थी। कुछ वैसा ही मार्मिक दृश्य उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में भी देखने को मिला, जब एक दिव्यांग व्यक्ति अपनी दिव्यांग पत्नी को पीठ पर उठाकर डीएम कार्यालय पहुंचा। तपती दोपहर, गर्म फर्श और पैरों में चप्पल तक नहीं लेकिन उसकी उम्मीद और हिम्मत जिंदा थी।
गर्म फर्श पर घुटनों के बल, गमछे से बचाई तपन
मिली जानकारी के मुताबिक, घटना जहानागंज थाना क्षेत्र के कुंजी गांव के रहने वाले दिव्यांग अशोक से जुड़ी है। अशोक ने बताया कि उसके गांव में चकबंदी का काम चल रहा है, लेकिन उसके घर तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है। कीचड़ और दलदल से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे उन्हें और उनकी पत्नी को काफी परेशानी होती है। बारिश के मौसम में हालात और भी खराब हो जाते हैं। ना तो वह अपनी दिव्यांग साइकिल इस्तेमाल कर सकते हैं, और ना ही कोई मदद मिल पाती है। इसी परेशानी को लेकर वह अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर डीएम कार्यालय पहुंचे ताकि घर तक पक्का रास्ता बनवाने की गुहार लगा सकें।
पहले भी लगा चुके हैं फरियाद
अशोक ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब वह प्रशासन से मदद मांगने आए हैं। इससे पहले भी उन्होंने डीएम दफ्तर में आवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी इस हालत को देखकर अधिकारी ध्यान देंगे।
अधिकारियों से लगाई न्याय की गुहार
अशोक चाहते हैं कि जब चकबंदी का काम चल रहा है, तो उसी दौरान उनके घर तक एक छोटा-सा रास्ता दे दिया जाए। इससे उनकी आने-जाने की दिक्कत काफी हद तक दूर हो जाएगी और वे थोड़ा सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।