Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Jul, 2025 07:01 AM

Jhansi News: झांसी जिले के मऊरानीपुर क्षेत्र से एक अनोखी और प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां 4 युवतियों ने दुनियावी जीवन को छोड़कर भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग से विवाह कर लिया। यह आयोजन आस्था, समर्पण और अध्यात्म से जुड़ा हुआ था, जिसने पूरे क्षेत्र...
Jhansi News: झांसी जिले के मऊरानीपुर क्षेत्र से एक अनोखी और प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां 4 युवतियों ने दुनियावी जीवन को छोड़कर भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग से विवाह कर लिया। यह आयोजन आस्था, समर्पण और अध्यात्म से जुड़ा हुआ था, जिसने पूरे क्षेत्र का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह विशेष विवाह समारोह मऊरानीपुर के कुंज बिहारी पैलेस में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम की ओर से किया गया था। इस दौरान चारों युवतियां — रेखा, वरदानी, कल्याणी और आरती ने पूरी विधि-विधान से विवाह संस्कार में शामिल हुईं और भगवान शिव को पति रूप में स्वीकार किया।
कैसा था विवाह समारोह?
इस समारोह को पारंपरिक हिंदू शादी की तरह ही सजाया गया था। सबसे खास बात यह रही कि भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग को दूल्हे के रूप में सजाया गया। उसे पगड़ी पहनाई गई और नंदी के साथ बारात निकाली गई। बारात का पूरे रीति-रिवाज के साथ स्वागत किया गया — तिलक, आरती और मंगल ध्वनि के साथ। इसके बाद मंच पर चारों युवतियों ने शिवलिंग को वरमाला पहनाई और सात वचनों की शपथ ली — जैसे ब्रह्मचर्य का पालन, सेवा, त्याग, और समाज के कल्याण में जीवन समर्पित करना।
लिया आजीवन ब्रह्मचर्य का संकल्प
इस आध्यात्मिक विवाह के जरिए चारों युवतियों ने जीवनभर ब्रह्मचर्य का पालन करने और समाज सेवा के मार्ग पर चलने का प्रण लिया। उनका कहना है कि वे अब सांसारिक जीवन से अलग होकर ईश्वर की भक्ति और मानव सेवा को ही अपना लक्ष्य बनाना चाहती हैं। कल्याणी, जो इंटरमीडिएट में टॉपर रह चुकी हैं और अब ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी हैं, ने बताया कि उन्हें दुनिया की दौड़ में नहीं, बल्कि भक्ति और सेवा में शांति मिलती है। वहीं रेखा और अन्य युवतियों ने भी कहा कि वे भगवान के बताए मार्ग पर चलकर दूसरों के लिए प्रेरणा बनना चाहती हैं।
ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ाव
ब्रह्माकुमारी संस्था के अनुसार, अब तक करीब 50 हजार से अधिक युवतियां इसी तरह ईश्वर को अपना जीवन समर्पित कर चुकी हैं। अब ये चारों छात्राएं भी उसी आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़ी हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस अनोखे विवाह को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। कई लोगों ने इसे 'आध्यात्मिक क्रांति' कहा और युवतियों की निष्ठा व त्याग की सराहना की। समाज के लिए यह एक उदाहरण बनकर उभरा है कि किस तरह आज की पीढ़ी भी धर्म और सेवा की राह चुन सकती है।