Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Jul, 2025 12:48 PM

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले के बिछिया स्थित पीएसी ट्रेनिंग कैंपस में बुधवार को लगभग 600 महिला सिपाहियों ने ट्रेनिंग के दौरान बड़े हंगामे किए। ये सभी महिलाएं रोती-चिल्लाती हुई ट्रेनिंग सेंटर से बाहर निकल आईं और प्रशासन की व्यवस्थाओं...
Gorakhpur News (अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले के बिछिया स्थित पीएसी ट्रेनिंग कैंपस में बुधवार को लगभग 600 महिला सिपाहियों ने ट्रेनिंग के दौरान बड़े हंगामे किए। ये सभी महिलाएं रोती-चिल्लाती हुई ट्रेनिंग सेंटर से बाहर निकल आईं और प्रशासन की व्यवस्थाओं पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सेंटर की हालत बहुत खराब है और उनकी सुरक्षा भी खतरे में है।
बाथरूम में लगे कैमरे, बिजली की कमी और पानी की समस्या
एक महिला सिपाही ने बताया कि बाथरूम में छिपे कैमरे लगे हुए हैं, जिनसे उनका वीडियो बनाया गया। इस बारे में अधिकारियों को बताया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, लखनऊ से आई एक और महिला ने कहा कि पूरे रात बिजली नहीं थी और जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं थी। सुबह बाथरूम में पानी नहीं आता और दिन भर में केवल आधा लीटर पानी दिया जाता है। खाने की गुणवत्ता भी बहुत खराब है।
ज्यादा संख्या में भर्ती, कम सुविधाएं
ट्रेनी महिलाओं ने बताया कि सेंटर की क्षमता 360 लोगों की है, लेकिन यहां 600 से ज्यादा महिला सिपाहियों को रखा गया है। इससे रहने, सोने और अन्य सुविधाओं में बहुत दिक्कत हो रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जब तक ये समस्याएं ठीक नहीं होतीं, वे ट्रेनिंग शुरू नहीं करेंगी।
प्रेग्नेंसी जांच पर विवाद
ट्रेनिंग के दौरान एक नया विवाद तब शुरू हुआ जब डीआईजी रोहन पी ने अविवाहित महिला सिपाहियों की प्रेग्नेंसी जांच का आदेश दिया था। इसके लिए मेडिकल टीम भी बुलाई गई थी। इस आदेश के विरोध के बाद आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने हस्तक्षेप किया और इस आदेश को रद्द कर दिया। उन्होंने बताया कि अविवाहित महिला रिक्रूट्स को केवल शपथ पत्र देना होगा और यदि कोई प्रेग्नेंट होगी तो उसे बाद के बैच में ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्रशासन ने संभाली स्थिति
हंगामा बढ़ने पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और महिलाओं को शांत करने की कोशिश की। फिलहाल स्थिति काबू में है, लेकिन महिला सिपाहियों की नाराजगी बनी हुई है। प्रशासन जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रहा है। वहीं यह मामला बताता है कि जो बेटियां समाज की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं, उन्हें खुद सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिलना बेहद जरूरी है।