Edited By Imran,Updated: 04 Oct, 2022 10:43 AM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर स्थित भवन में विधि-विधान के साथ परंपरागत कन्या पूजन किया। उन्होंने मां भगवती के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कन्याओं, एक बटुक भैरव के पांव पखारकर पहले पूजा-अर्चना की,...
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर स्थित भवन में विधि-विधान के साथ परंपरागत कन्या पूजन किया। उन्होंने मां भगवती के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कन्याओं, एक बटुक भैरव के पांव पखारकर पहले पूजा-अर्चना की, उसके बाद अपने हाथों से भोजन कराकर दक्षिणा के साथ उनकी विदाई की। इस दौरान मंदिर में पहुंची अन्य कन्याओं को भी उसी श्रद्धाभाव से भोजन कराया गया और विदाई की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति की आराधना हमारे देश की संस्कृति है। इसीलिए नवरात्र के नवें दिन कन्या पूजन का विधान है।

योगी ने पीठ की परंपरा का किया निर्वहन
बता दें कि मातृशक्ति के प्रति अगाध श्रद्धा व सम्मान गोरक्षपीठ की परंपरा है तो इस श्रद्धाभाव की महत्ता को महिला सशक्तिकरण के विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये व्यावहारिकता के धरातल पर प्रतिष्ठित करना योगी आदित्यनाथ का ध्येय। जगतजननी मां आदिशक्ति की आराधना के विशिष्ट अवसर शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीठ की परंपरा का निर्वहन कर अपने ध्येय को और मजबूती दी। मंगलवार सुबह नवरात्र की नवमी पर सीएम योगी ने विधि विधान से कन्या पूजन कर मातृशक्ति की आराधना की। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे, चुनरी ओढाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया, दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने परम्परा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया।

कन्याएं बोलीं- योगी बाबा बहुुत अच्छे है
मुख्यमंत्री एक-एक सभी कन्याओं के पास गए और उनकी थाली में अपने हाथों से भोजन परोसा और बाकायदा पूछ-पूछ कर खिलाया। इस दौरान वह बच्चों को दुलराते भी रहे। भोजन के बाद मुख्यमंत्री ने सभी कन्याओं कोअपने हाथ से दक्षिणा देकर सम्मान के साथ विदा किया। मुख्यमंत्री से पूजाकर बच्चे प्रसन्न नजर आए। कुछ ने तो प्रतिक्रिया भी दी। बोले, योगी बाबा बहुत अच्छे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे मां भगवती के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आराधना की।