Edited By Ramkesh,Updated: 04 Apr, 2023 12:29 PM
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मनोनीत कोटे की खाली छह सीटों पर मनोनीत किए गये सदस्यों को सीएम योगी ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने ने सफल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं भी दी है।
लखनऊ ( अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मनोनीत कोटे की खाली छह सीटों पर मनोनीत किए गये सदस्यों को सीएम योगी ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने ने सफल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं भी दी है। बता दें कि उप्र विधान परिषद की रिक्त सीटों पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति तारिक मंसूर और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र के पुत्र साकेत मिश्र समेत छह प्रमुख लोगों को मनोनीत किया गया है। उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव चंद्रशेखर ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। निर्वाचन अनुभाग से जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल ने विधान परिषद की रिक्तियों में छह व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया है।
जातीय संतुलन साधने की कोशिश भाजपा
जारी अधिसूचना के मुताबिक रजनीकांत माहेश्वरी, साकेत मिश्रा, लालजी निर्मल, तारिक मंसूर, रामसूरत राजभर और हंसराज विश्वकर्मा को मनोनीत किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले सदस्यों के लिए छह नाम प्रस्तावित किए थे, जिनमें तारिक मंसूर तथा साकेत मिश्र समेत ये सभी छह नाम शामिल थे। भाजपा सूत्रों ने बताया था कि पार्टी ने इसके जरिये जातीय संतुलन साधने की कोशिश के साथ ही मुस्लिम विरोधी छवि को भी दूर करने का प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अधिकारियों के अनुसार, राज्यपाल विधानमंडल के उच्च सदन में 10 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में अब भी दो सीटें है खाली
वर्तमान में 100 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा के 74 सदस्य हैं, जबकि प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के नौ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और शिक्षक दल (गैर-राजनीतिक) के एक-एक सदस्य हैं। इसके अलावा स्वतंत्र समूह और निर्दलीय के दो-दो सदस्य हैं। आठ सीटें फिलहाल खाली थी, जिनमें छह का मनोनयन होने के बाद अब सिर्फ दो सीटें खाली रह गयी हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री कार्यालय और भाजपा के सूत्रों ने बताया था कि छह नामों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का नाम शामिल हैं। वर्तमान में नृपेंद्र मिश्र श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। साकेत ने 2019 में श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र से भाजपा का टिकट मांगा था, लेकिन यह दद्दन मिश्रा को दिया गया था, जो बसपा के राम शिरोमणि वर्मा से हार गए थे।
भाजपा सूत्रों ने पहले बताया था कि साकेत और मंसूर के अलावा सूची में अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल, उप्र भाजपा ब्रज क्षेत्र इकाई के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, भाजपा वाराणसी जिला इकाई के अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा और आजमगढ़ के अधिवक्ता रामसूरत राजभर के भी नाम शामिल हैं । उप्र भाजपा नेताओं के अनुसार, साकेत मिश्रा एक निवेश बैंकर, नीति योगदानकर्ता और पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार हैं। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, कलकत्ता और सेंट स्टीफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। प्रोफेसर तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। इससे पहले, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया।
भाजपा ने तारिक मंसूर के जरिये मुसलमानों में अपनी पकड़ बनाने की पहल की है तो लालजी प्रसाद निर्मल दलित वर्ग, हंसराज विश्वकर्मा और रामसूरत राजभर अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। साकेत मिश्र ब्राह्मण और रजनीकांत वैश्य समाज से आते हैं। राजभर ने 2022 का विधानसभा चुनाव आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था, लेकिन समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव से हार गए थे। विधान परिषद के सदस्य के तौर पर इन छह लोगों को मनोनीत किए जाने पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी द्वारा यूपी विधान परिषद के लिए मनोनीत सभी सम्मानित सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी के अनुभव का प्रदेश के विकास एवं जनहित आप सभी के सफल कार्यकाल के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!''