Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Oct, 2025 08:04 AM

Kanpur News: उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के नजीराबाद इलाके के जवाहर नगर में एक दुखद घटना सामने आई है। जहां एक तीन मंजिला मकान में रहने वाले छोटे भाई सुधीर पाठक (45) का शव घर के ही एक कोने में 7 दिनों तक पड़ा रहा, लेकिन किसी ने उसकी खबर नहीं ली। शव...
Kanpur News: उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के नजीराबाद इलाके के जवाहर नगर में एक दुखद घटना सामने आई है। जहां एक तीन मंजिला मकान में रहने वाले छोटे भाई सुधीर पाठक (45) का शव घर के ही एक कोने में 7 दिनों तक पड़ा रहा, लेकिन किसी ने उसकी खबर नहीं ली। शव से उठती बदबू से आसपास के लोग अंदाजा लगा रहे थे कि शायद कोई चूहा मर गया है, लेकिन असलियत कुछ और थी। जब आखिरकार घर वालों ने तलाश की तो सुधीर की मौत का पता चला।
क्या था पूरा मामला?
सुधीर पाठक बड़े भाई सुनील पाठक के परिवार और दिव्यांग छोटी बहन के साथ उसी मकान में रहते थे। सुधीर को लीवर की बीमारी थी और उनका इलाज हैलट अस्पताल में चल रहा था। साथ ही वे मानसिक रूप से भी कमजोर बताए जाते थे। वे अविवाहित थे।
गुमशुदगी की शिकायत
सुधीर 23 सितंबर को अस्पताल जाने के बहाने घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। उनकी गुमशुदगी की शिकायत 26 सितंबर को नजीराबाद थाने में दर्ज कराई गई।
7 दिनों तक पड़ा रहा शव
इस बीच घर में अजीब बदबू फैलने लगी। 30 सितंबर को यानी घटना के सातवें दिन किसी ने सोचा कि बदबू शायद घर के खाली पड़े बाथरूम से आ रही है। जब बाथरूम में जांच की गई, तो वहां सुधीर का शव पड़ा मिला, जो उस वक्त पूरी तरह सड़ चुका था।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया है। मौत की असली वजह जांच के बाद ही पता चलेगी।
सोचने वाली बात
एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सदस्यों के बीच इतनी दूरियां हो गईं कि किसी ने 7 दिन तक सुधीर की मौत का पता नहीं लगाया। यह घटना समाज में रिश्तों और इंसानियत की कुछ कड़वी सच्चाई भी सामने लाती है।