अपने शौक के लिए बेजुबानों पर जरा भी रहम नहीं करता इंसान, खुलेआम हाइवे किनारे कराई जाती है मुर्गों के बीच खूनी जंग

Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Mar, 2023 10:21 AM

bloody fights between cocks are conducted openly on the highway

इंसान अपने मनोरंजन और शौक को पूरा करने के लिए बेजुबान पशु-पक्षियों तक की जिंदगी दांव पर लगाने से बाज़ नहीं आ रहा है। बागपत (Baghpat) में बेजुबान मुर्गों की लड़ाई के कुछ वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हुई हैं, जिसमें मुर्गों को...

बागपत(विवेक कौशिक): इंसान अपने मनोरंजन और शौक को पूरा करने के लिए बेजुबान पशु-पक्षियों तक की जिंदगी दांव पर लगाने से बाज़ नहीं आ रहा है। बागपत (Baghpat) में बेजुबान मुर्गों की लड़ाई के कुछ वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हुई हैं, जिसमें मुर्गों को लड़ाया जा रहा है। दरअसल, लड़ाकू एवं पूर्ण प्रशिक्षित इन मुर्गों (Cock) की लड़ाई बागपत के सिसाना गांव (Village) में कराई जा रही थी। यहां सड़क (Road) किनारे ही कुछ लोग इन लड़ाकू मुर्गों की लड़ाई करा रहे हैं, जिन पर लोग मुर्गों की हार जीत पर पैसा भी लगा रहे थे।

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बताया जा रहा है मुर्गों की इस खतरनाक लड़ाई को देखने के लिए हाइवे किनारे लोगों की भीड़ भी लग रही है। मुर्गों की कराई जा रही इस लड़ाई को वाहनों में सवार लोग भी अपने वाहन रोककर देखते हैं। जब भीड़ अधिक लगने लगी तो मुर्गों के मालिक इन मुर्गों को उठाकर वहां से ले गए। इन लोगों के पास ऐसे और भी प्रशिक्षित मुर्गे थे जिन्हें पिंजरों में बंद किया हुआ था। दोनों मुर्गे काफी लहूलुहान भी हो चुके थे, लेकिन लड़ाई देखने वालों को पूरा मजा आ रहा था।

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कैसे होती है भिड़ंत?
मुर्गा लड़ाई में दो प्रशिक्षित मुर्गे को आपस में लड़वाया जाता है। यह खेल किसी एक मुर्गा के मारे जाने या बुरी तरह घायल होने तक जारी रहता है। इसके लिए करीब 20-22 फुट का एक खास घेरा बनाया जाता है। इसी घेरे में दो मुर्गों के बीच होती है खूनी जंग। जहां यह खेल होता है उसे मुर्गा पाडा कहते हैं। लड़ाई के दौरान दोनों मुर्गे अपनी-अपनी पैतरेबाजी दिखाते हैं।

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लड़ाई के लिए मुर्गों को खास तौर पर किया जाता है ट्रेंड
मुर्गा लड़ाई के लिए मुर्गों को खास तौर पर ट्रेंड किया जाता है। इन्हें कई कई दिन अंधेरे में रखा जाता है जिससे ये गुस्सैल बन सकें। इसके साथ ही इन्हें बीच- बीच में बिना कारण के थोडी- थोड़ी देर के लिए दूसरे मुर्गे से लड़वाया जाता है। जब मुर्गा का मालिक पूरी तरह इसकी ट्रेनिंग से आश्वस्त हो जाता है तब इसे मुर्गा पाडा में लड़वाने ले जाता है। इन दिनों मुर्गा को मजबूत और लड़ाकू बनाने के लिए की तरह की दवाएं भी इंजेक्शन के द्वारा दी जाने लगी हैं।

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