Edited By Purnima Singh,Updated: 03 Dec, 2025 02:52 PM

उत्तर प्रदेश के मेरठ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में तैनात एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) ने कथित रूप से काम के बोझ से परेशान होकर जहर खा लिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है ....
मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में तैनात एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) ने कथित रूप से काम के बोझ से परेशान होकर जहर खा लिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद विभागीय यूनियन और बीएलओ के साथियों ने अस्पताल में हंगामा किया और संबंधित पर्यवेक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
दोहरी जिम्मेदारी और अत्यधिक कार्यभार के तनाव में थे BLO
जिला प्रशासन का कहना है कि जहर खाने का सही कारण जांच के बाद पता चलेगा और इसमें घरेलू या अन्य कारण भी हो सकते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुंडाली थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा गांव के निवासी मोहित चौधरी (35) ने कथित उत्पीड़न से परेशान होकर जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मंगलवार देर रात हुई घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में गढ़ रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल से लोकप्रिय अस्पताल भेजा गया है। परिजन के मुताबिक सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत चौधरी एसआईआर अभियान के तहत पल्लवपुरम क्षेत्र में बीएलओ की ड्यूटी भी कर रहे थे। वह कई दिन से दोहरी जिम्मेदारी तथा अत्यधिक कार्यभार के चलते तनाव में थे।
कीटनाशक खाकर किया आत्महत्या का प्रयास
पुलिस के मुताबिक परिजन का आरोप है कि तहसील स्तर के सुपरवाइजर आशीष शर्मा लगातार फोन कर कामकाज की प्रगति को लेकर दबाव बना रहे थे और निलंबन व मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दे रहे थे। परिजन का कहना है कि मंगलवार रात घर पहुंचने के बाद मोहित ने मानसिक तनाव के चलते कीटनाशक दवा खाली, जिसके बाद स्थिति बिगड़ने पर उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। चौधरी की पत्नी ज्योति ने बताया कि उनके पति सुबह जल्दी घर से निकल जाते थे और देर रात लौटते थे। उन्होंने कहा कि काम का बोझ इतना बढ़ गया था कि खाना भी ठीक से नहीं खा रहे थे।
सुपरवाइजर पर उत्पीड़न का आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही विभागीय यूनियन के पदाधिकारी और कर्मचारी अस्पताल पहुंचे और सुपरवाइजर पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। उनका कहना था कि एसआईआर अभियान में बीएलओ पर सबसे अधिक कार्यभार है, लेकिन अधिकारियों की ओर से लगातार दबाव और धमकी दी जा रही है। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे। स्थिति को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस कर्मी अस्पताल पहुंचे और यूनियन पदाधिकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
जहर खाने के कारणों का पता नहीं चल सका
अधिकारियों ने परिजनों से भी मोहित की स्थिति के बारे में जानकारी ली और पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी वी.के. सिंह ने बुधवार सुबह मीडिया को बताया कि बीएलओ के जहर खाने की पुष्टि हुई है और अब उनकी हालत बेहतर है। उन्होंने कहा, “जहर खाने के कारणों का पता जांच में चलेगा। आजकल एसआईआर का काम जारी है, इसलिए अक्सर लोग बात को उसी दिशा में ले जाते हैं, लेकिन घरेलू या अन्य कारण भी हो सकते हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि चौधरी का काम 72–74 प्रतिशत पूरा था, इसलिए कार्य का दबाव होगा, ऐसा नहीं लगता। संभव है कि जहर खाने की कोई अन्य वजह हो।”