मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में जुटी भाजपा, क्या इस बार भी मुस्लिम वोटों का बिखराव रोक सकेंगे आजम खां?

Edited By Ajay kumar,Updated: 14 Nov, 2022 06:31 PM

bjp trying to woo muslim voters will azam khan be able to stop

37 रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 18 नवंबर तक तमाम दलों के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाएगी। उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए क्या इस बार आजम अपने चिर परिचित अंदाज में भावुक तकरीरों से मुस्लिम वोटों का बिखराव रोक सकेंगे।

रामपुर: 37 रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 18 नवंबर तक तमाम दलों के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाएगी। उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए क्या इस बार आजम अपने चिर परिचित अंदाज में भावुक तकरीरों से मुस्लिम वोटों का बिखराव रोक सकेंगे। क्योंकि, अल्पसंख्यक पसमांदा सम्मेलन के जरिए भाजपा की मुस्लिम मतदाताओं पर मजबूत होती पकड़ ने आजम खां के होश उड़ा दिए हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी के नेता बसपा और कांग्रेस के रुख का इंतजार कर रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा सरकार में योजनाओं का लाभ लेने वाले मुस्लिम लाभार्थियों की अंदरखाने सूचियां तैयार हो रही है। इसके साथ ही सूची के आधार पर घर-घर संपर्क साधने के लिए खाका तैयार हो रहा है।

इतिहास पर नजर डालें तो सपा के कहावर नेता आजम खां की शोला बयां तकरीरें चुनावी विसात को रातो-रात पलट चुकी हैं। किसी भी चुनाव आखिरी पड़ाव में आजम अपनी भावुक तकरीरों से हवा का रुख बदलने के उस्ताद माने जाते हैं। चुनावी जनसभा में अपनी आवाज और अदायगी से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले आजम खां नवाबों की सियासतकालीन बातों से अपनी तकरीर का आगाज करते हैं और इस तरह शब्दों का मायाजाल बुनते हैं कि जनसभा से निकलने वाला आदमी बस वही कहता हुआ निकलता है जो कुछ आजम खां ने अपनी तकरीर में कहा हो। वह अपनी जीत के लिए खां के लिए काफी मुश्किलें खड़ी अपना दामन फैलाने से भी नहीं हो गई है। भाजपा खुलकर मुस्लिमी करने वाले आजम खां नवाबों की चूकते हैं।

इसके अलावा रुंधे गले से आंखों में आंसू भरकर जब भाजपा का खौफ दिखाकर वोट मांगते हैं तब लोग कहते इन्हें ही दे दो। लेकिन, इस उपचुनाव में भाजपा का मिजाज बदला हुआ है जिसके कारण आजम खां के लिए काफी मुस्किलें खड़ी हो गई हैं। भाजपा खुलकर मुस्लिमों के साथ आ गई है और मुस्लिम मतदाताओं को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उनका बाल बांका भी नहीं होगा। इससे सपा के परंपरागत मुस्लिम मतदाताओं का रुझान भाजपा की तरफ हुआ है जोकि आजम खां के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है।

आजम का गढ़ ढहाने को भाजपा ने किया था अल्पसंख्यक पसमांदा सम्मेलन
लखनऊ के बाद देश का दूसरा अल्पसंख्यक पसमांदा सम्मेलन रामपुर में कराकर भाजपा आजम के गढ़ को ढाने के लिए पूरी जी जान से जुटी हुई है। मुस्लिमों को तमाम योजनाओं में बराबर की भागदारी और पिछड़ों के जीवन स्तर को संवारने के लिए तमाम दावे किए जा रहे हैं। यह तो समय ही तय करेगा कि उपचुनाव में जीत किसको मिलती है।

 

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